Tuesday, 30 August 2016

🍀गौतम बुद्ध ने ईश्वर का अस्तित्व ही नहीं माना है🍀

🍀गौतम बुद्ध ने ईश्वर का अस्तित्व ही नहीं माना है🍀

गौतम बुद्ध ने कहा--
ईश्वर की चर्चा से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होता । धर्म की धुरी पर ईश्वर और आदमी का संबंध नहीं है, बल्कि आदमी - आदमी का संबंध है । धर्म का प्रयोजन यही है कि वह आदमी को शिक्षा दे कि वह दूसरे आदमियों के साथ कैसे व्यवहार करें ताकि सभी आदमी प्रसन्न रह सकें ।
ये सब मिथ्या विश्वास के घर है और मिथ्या-विश्वास सम्यक दृष्टि का शत्रु है।
गौतम बुद्ध की दृष्टि में ईश्वर विश्वास बड़ी ही खतरनाक बात थी क्योंकि ईश्वर-विश्वास ही प्रार्थना और पूजा की सामथ्र्य में विश्वास का उत्पाक कारण है और प्रार्थना कराने की जरूरत ने ही पादरी-पुरोहित को जन्म दिया और पुरोहित ही वह शरारती दिमाग है जिसने इतने अंधविश्वास को जन्म दिया और सम्यक्-दृष्टि के मार्ग को अवरूद्ध कर दिया ।
इसलिए , ईश्वर-विश्वास के लिए प्राणघातक है ।

(संदर्भ - बुद्ध और उनका धर्म 1996 संस्करण, पृष्ट 196-199)

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