Tuesday, 31 May 2016

Sharing a beautiful poem:

Sharing a beautiful poem:

कुछ हँस के
     बोल दिया करो,
कुछ हँस के
      टाल दिया करो,
यूँ तो बहुत
    परेशानियां है
तुमको भी
     मुझको भी,
मगर कुछ फैंसले
     वक्त पे डाल दिया करो,
न जाने कल कोई
    हंसाने वाला मिले न मिले..
इसलिये आज ही
      हसरत निकाल लिया करो !!
हमेशा समझौता
      करना सीखिए..
क्योंकि थोड़ा सा
      झुक जाना
 किसी रिश्ते को
         हमेशा के लिए
तोड़ देने से
           बहुत बेहतर है ।।।
किसी के साथ
     हँसते-हँसते
 उतने ही हक से
      रूठना भी आना चाहिए !
अपनो की आँख का
     पानी धीरे से
पोंछना आना चाहिए !
      रिश्तेदारी और
 दोस्ती में
    कैसा मान अपमान ?
बस अपनों के
     दिल मे रहना
आना चाहिए...!
🙏💞🙏

💚Beautiful Lines💚

💚Beautiful Lines💚

एक सच छुपा होता है जब कोई कहता है
"मजाक था यार"
**
एक फीलिंग छुपी होती है जब कोई कहता है
"मुझे कोई फर्क नही पङता'
**
एक दर्द छुपा होता है जब कोई कहता है
"Its ok"
**
एक जरूरत छुपी होती है जब कोई कहता है
"मुझे अकेला छोङ दो"
**
एक गहरी बात छुपी होती है जब कोई कहता है
"पता नही"
**
एक बातों का समंदर छुपा है जब कोई
खामोश रहता है
**
इसीलिए एक ओपन हार्ट सर्जरी की यूनिट के बाहर
लिखा था कि...
अगर दिल खोल लेते अपने यारों के साथ
तो आज नही खोलना पङता औजारों के साथ..!

🍇🍊🍏🍎 स्वस्थ रहें 🍎🍏🍊🍇

🍇🍊🍏🍎 स्वस्थ रहें 🍎🍏🍊🍇

1-- 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेगी।

2-- कुल 13 अधारणीय वेग हैं |

3--160 रोग केवल मांसाहार से होते है |

4-- 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल पीना चाहिये।

5-- 80 रोग चाय पीने से होते हैं।

6-- 48 रोग ऐलुमिनियम के बर्तन या कुकर के खाने से होते हैं।

7-- शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है।

8-- अण्डा खाने से हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब होते हैं।

9-- ठंडे जल (फ्रिज) और आइसक्रीम से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।

10-- मैगी, गुटका, शराब, सूअर का माँस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है।

11-- भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।

12-- बाल रंगने वाले द्रव्यों (हेयरकलर) से आँखों को हानि (अंधापन भी) होती है।

13-- दूध (चाय) के साथ नमक (नमकीन पदार्थ) खाने से चर्म रोग हो जाता है।

14-- शैम्पू, कंडीशनर और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल पकने, झड़ने और दोमुहें होने लगते हैं।

15-- गर्म जल से स्नान से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। गर्म जल सिर पर डालने से आँखें कमजोर हो जाती हैं।

16-- टाई बांधने से आँखों और मस्तिश्क हो हानि पहुँचती है।

17-- खड़े होकर जल पीने से घुटनों (जोड़ों) में पीड़ा होती है।

18-- खड़े होकर मूत्र-त्याग करने से रीढ़ की हड्डी को हानि होती है।

19-- भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) बढ़ता है।

20-- जोर लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुँचती है।

21-- मुँह से साँस लेने पर आयु कम होती है।

22-- पुस्तक पर अधिक झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और क्षय (टीबी) होने का डर रहता है।

23-- चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने से रक्त शुद्ध हो जाता है, मलेरिया नहीं होता है।

24-- तुलसी के सेवन से मलेरिया नहीं होता है।

25-- मूली प्रतिदिन खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से मुक्त रहता है।

26-- अनार आंव, संग्रहणी, पुरानी खांसी व हृदय रोगों के लिए सर्वश्रेश्ठ है।

27-- हृदय-रोगी के लिए अर्जुन की छाल, लौकी का रस, तुलसी, पुदीना, मौसमी, सेंधा नमक, गुड़, चोकर-युक्त आटा, छिलके-युक्त अनाज औशधियां हैं।

28-- भोजन के पश्चात् पान, गुड़ या सौंफ खाने से पाचन अच्छा होता है। अपच नहीं होता है।

29-- अपक्व भोजन (जो आग पर न पकाया गया हो) से शरीर स्वस्थ रहता है और आयु दीर्घ होती है।

30-- मुलहठी चूसने से कफ बाहर आता है और आवाज मधुर होती है।

31-- जल सदैव ताजा (चापाकल, कुएं आदि का) पीना चाहिये, बोतलबंद (फ्रिज) पानी बासी और अनेक रोगों के कारण होते हैं।

32-- नीबू गंदे पानी के रोग (यकृत, टाइफाइड, दस्त, पेट के रोग) तथा हैजा से बचाता है।

33-- चोकर खाने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसलिए सदैव गेहूं मोटा ही पिसवाना चाहिए।

34-- फल, मीठा और घी या तेल से बने पदार्थ खाकर तुरन्त जल नहीं पीना चाहिए।

35-- भोजन पकने के 48 मिनट के अन्दर खा लेना चाहिए। उसके पश्चात् उसकी पोशकता कम होने लगती है। 12 घण्टे के बाद पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता है।

36-- मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से पोशकता 100%, कांसे के बर्तन
में 97%, पीतल के बर्तन में 93%, अल्युमिनियम के बर्तन और प्रेशर कुकर में 7-13% ही बचते हैं।

37-- गेहूँ का आटा 15 दिनों पुराना और चना, ज्वार, बाजरा, मक्का का आटा 7 दिनों से अधिक पुराना नहीं प्रयोग करना चाहिए।

38-- 14 वर्श से कम उम्र के बच्चों को मैदा (बिस्कुट, बे्रड, समोसा आदि) कभी भी नहीं खिलाना चाहिए।

39-- खाने के लिए सेंधा नमक सर्वश्रेश्ठ होता है उसके बाद काला नमक का स्थान आता है। सफेद नमक जहर के समान होता है।

40-- जल जाने पर आलू का रस, हल्दी, शहद, घृतकुमारी में से कुछ भी लगाने पर जलन ठीक हो जाती है और फफोले नहीं पड़ते।

41-- सरसों, तिल, मूंगफली या नारियल का तेल ही खाना चाहिए। देशी घी ही खाना चाहिए है। रिफाइंड तेल और वनस्पति घी (डालडा) जहर होता है।

42-- पैर के अंगूठे के नाखूनों को सरसों तेल से भिगोने से आँखों की खुजली लाली और जलन ठीक हो जाती है।

43-- खाने का चूना 70 रोगों को ठीक करता है।

44-- चोट, सूजन, दर्द, घाव, फोड़ा होने पर उस पर 5-20 मिनट तक चुम्बक रखने से जल्दी ठीक होता है। हड्डी टूटने पर चुम्बक का प्रयोग करने से आधे से भी कम समय में ठीक होती है।

45-- मीठे में मिश्री, गुड़, शहद, देशी (कच्ची) चीनी का प्रयोग करना चाहिए सफेद चीनी जहर होता है।

46-- कुत्ता काटने पर हल्दी लगाना चाहिए।

47-- बर्तन मिटटी के ही परयोग करन चाहिए।

48-- टूथपेस्ट और ब्रश के स्थान पर दातून और मंजन करना चाहिए दाँत मजबूत रहेंगे। (आँखों के रोग में दातून नहीं करना)

49-- यदि सम्भव हो तो सूर्यास्त के पश्चात् न तो पढ़े और लिखने का काम तो न ही करें तो अच्छा है।

50-- निरोग रहने के लिए अच्छी नींद और अच्छा (ताजा) भोजन अत्यन्त आवश्यक है।

51-- देर रात तक जागने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है। भोजन का पाचन भी ठीक से नहीं हो पाता है आँखों के रोग भी होते हैं।

52-- प्रातः का भोजन राजकुमार के समान, दोपहर का राजा और रात्रि का भिखारी के समान यानि एकदम अल्प मात्रा में लेना चाहिये।

👉आशा है स्वयं के परिवार में भी इसे लागू करेंगे।⁠⁠⁠⁠

धर्म व शास्त्र,विज्ञान विरोधी हैं। ���������� आईये फर्क देखिए

धर्म व शास्त्र,विज्ञान विरोधी हैं।
   ����������
   आईये फर्क देखिए

1. विज्ञान व भूगोल:-
गंगा हिमालय के गंगोत्री हिमनद (ग्लेशियर) से निकलती है।

जबकि धर्म व शास्त्र:-
गंगा शिवजी की जटा से निकलती है और भगीरथ इसे स्वर्ग से धरती पे लाया।

2. विज्ञान व भूगोल:-
जल वाष्प भरे बादल जब ठंडी हवाओं के सम्पर्क में आते हैं तो वर्षा होती है

जबकि धर्म व शास्त्र:-
वर्षा इंद्र देवता कराते हैं।

3.विज्ञान व भूगोल:-
पृथ्वी अपने धुरी पर 23 डिग्री झुकी हुई है। जब दो tectonic plates आपस में टकराती हैं, भूकंप आता है।

जबकि धर्म व शास्त्र:-
पृथ्वी शेषनाग के फन पे टिकी हुई है और जब वो करवट बदलता है तो भूकम्प आता हैं।

4.विज्ञान व भूगोल:-
पृथ्वी और चन्द्रमा परिक्रमा करते हुवे जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है।

जबकि धर्म व शास्त्र:-
चंद्र ग्रहण के समय राहु चन्द्रमा को खा जाता है।

5.विज्ञान:-
हवाई जहाज के माध्यम से मानव हवाई सैर करता है।

जबकि धर्म व शास्त्र:-
बिना किसी माध्यम के कथित देवी देवता और राक्षस हवा में उड सकते थे।

6.विज्ञान:-
यहां कौसो दूर भी दूरसंचार के माध्यम से मानव एक दूसरे से मन की बात कर सकते हैं।

जबकि धर्म व शास्त्र:-
केवल साधु- संत बिना किसी माध्यम के ही मन की बात उन्हीं के बनाये ईश्वर से कर लिया करते थे।

अब फैसला आपका?

आप अपने बच्चों का बौद्धिक विकास करने के लिए उन्हें विज्ञान पढ़ाते हैं
      या धर्म व शास्त्र ||

     
         शकुन्तला बौध्द

फक्त वही पेन म्हणजे शिक्षण नव्हे. -- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर

 
फक्त वही पेन म्हणजे शिक्षण नव्हे.
तर
बुध्दीला सत्याकडे,
भावनेला माणुसकीकडे,
शरीराला श्रमाकडे
नेण्याचा मार्ग
म्हणजे शिक्षण.
जसे जेवल्यावर होणारे समाधान
हे तात्पुरते असते .
या उलट शिक्षणातून मिळणारी ज्ञानाची शिदोरी आयुष्यभर पुरते.
पोटाची भूक भागवावीच,
पण
एक पाऊल पुढे टाकून
शिक्षण घेऊन माणसाने
बुध्दीची ही भुक भागवावी.
"जसा माणूस उपासमारीने
अशक्त होऊन अल्पायुषी होतो,
तसा तो शिक्षणा अभावी
जिवंतपणी दुसर्‍याचा गुलाम होतो.

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर

Monday, 30 May 2016

तलवारीचा धाक कुणाला दावतोस,

तलवारीचा धाक कुणाला दावतोस,
..
..
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आम्हाला .......????
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अरे ज्यांच्या जिवावर छत्रपती शिवरायांनी
स्वराज्य उभे केले,
ते आम्हीच आहोत
..
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शिवरायांना पावलो पावली मदत करणारे,
त्यांच्या स्वराज्या साठी जीव ओवाळून
टाकणारे मर्द शिवबाचे मर्द े मावळे आम्हीच
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**
होता जीवा म्हणून वाचला शिवा असे
म्हणतात,
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कारण
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छत्रपतींचा प्राण वाचवणारा तोच मर्द
" जीवा महार"होता.
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(भटांनी जीवा महाराचा जीवा महाले
केला)..
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जिवलग मित्र छत्रपती संभाजी यांना
वाचवण्यासाठी स्वतः चा प्राण अर्पण
करणारे मर्द "रायप्पा महार"
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छत्रपती शिवाजी महाराज, छत्रपती संभाजी
महाराज यांच्या मृत्यूचा व अपमानाचा कसून
बदला घेणारे आम्हीचआहोत.#*!
..
..
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अरे तलवार चालवावी कशी हे आमच्याकडून
शिकून घे,,,,;
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एका रात्रीत फक्त 500 ,
महारांनी 25000 पेशव्यांची मुंडकी धडावेगळी
करणारे मर्द आहोत आम्हीच आहोत.*
..
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अरे आत्ताच तलवार काढून अन्याय संपवू शकतो.
..
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..
..
पण,
..
आमचा धर्म शांतता शिकवतो...
..
..
..
तरीपण,
..
तलवारींच्या जोरावर अन्याय थांबवू शकतो.
..
पण
..
भारतीय संविधानाबाहेर आम्ही जाऊ शकत
नाही
..
..
तरीपण वेळ आली कि,
विरोधकांना व जातीवाद्यांना त्यांची
औकात दाखवून देऊ..
..
..
कायदा मोडायची वेळ आली तर नक्कीच
मोडू,कारण,कायदा माझ्याच बापाची इस्टेट
आहे
..
..
...
...
🗡🗡🗡⚔🗡🗡🗡

#__जय-भिमराय
‪#‎__जय‬-शिवराय...

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🚩भगवा मुजरा आणि
💙 निळाच सलाम..
  सुबह उगने वाला सुरज
शाम को ओ भि ढलता है...
 लेकीन भारत में मेरे भिमजी का कानून
२४ घंटे चलता है...
✏📚📘📘📘📘
एकच साहेब बाबासाहेब

☄काळजीपूर्वक वाचा☄ खालील माहिती मी लिहिलेली नसून रूद्राभिषेक ग्रंथातील आहे....

☄काळजीपूर्वक वाचा☄

खालील माहिती मी लिहिलेली नसून रूद्राभिषेक ग्रंथातील आहे....

आज अमेरीका, इंग्लंड जपान, चीन आम्ही विज्ञानाचे खुप शोध लावले म्हणुन ओरडतात......

मुर्खांनो तुमच्या कल्पनेत पण येणार नाहीत असे शोध आमच्या भारतातील लोकांनी लावलेत.......
यादी बघा मग बोला.....👇🏿

1⃣ मनु हा सूर्याचा पुत्र होता.

2⃣ मनूला शिंक आल्यावर त्याच्या नाकातून एक पुत्र निघाला त्याचे नाव इशवाक्.

3⃣मंदोदरी ही बेडकी पासून जन्माला आली.

4⃣ मकरध्वज हा माशा पासून जन्म झाला.

5⃣श्रुगि ऋषि हा हरणी पासून जन्म झाला.

6⃣हनुमानचा पिता पवन हा कानातून निर्माण झाला.

7⃣गणपती ज्याचे अर्धे शरीर हत्तीचे अणि अर्धे मानवाचे आहे तो आई बापा पासून नव्हे तर मळापासून निर्माण झाला.

8⃣ राजा दशरथ ला 3 राण्या होत्या त्याचे 4 पुत्र होते ते फळाची खीर खाल्यामुळे त्यांचा जन्म झाला होता.

9⃣ कर्ण हा मंत्रामुळे कुंतीच्या कानातुन अणि पांडव केवल मंत्राच्या आव्हानामुळे जन्म झाला आहे.

🔟 ब्रम्हदेवाने एक स्त्री जन्मास घातली तिच्याशीच लग्न करुन मानव या तुच्छ प्राण्याची निर्मिती केली.

अ) ब्रम्हाच्या तोंडातून ब्राम्हणाचा जन्म झाला आहे.
ब) ब्रम्हाच्या बाहू तून क्षत्रियांचा जन्म झाला आहे.
क) ब्रम्हाच्या जांगेतून वैश्य जःन्माला आले.
ड) ब्रम्हाच्या पायाच्या अंगठ्यातून शुद्र या लोकांचा जन्म झाला..... (रुद्राभिषेक मधिल पुरुषोक्त वाचा)

1⃣1⃣ ब्रम्हदेवाने विश्वनिर्मितीसाठी स्वतःच्या मुलीबरोबर लग्न केल. पण मुलगी गरोदर न राहता ब्रदेवच गरोदर राहीला ही गोष्ट जागतिक विज्ञानाच्या दृष्टिकोणातून चमत्कारिक आहे......

मूल निर्माण करण्याची ही पद्धत फ़क्त भारतात आहे...

बाकी जगात फक्त स्त्री जन्म देते    
   आहे का पावर कोनात एवढी........
 
# वरील जन्माचे दाखले हे महाभारत, रामायण, मत्सपुराण, वराहपुराण इ. विविध ग्रंथात लिहलेले आहे......##

वरील पैकी एक तरी शोध दुसर्या देशाने लावलाय का??????
 पुन्हा ते प्रयोग करुन तरी दाखवा मग बघु.....😜😝😛


‼वरील माहिती सर्व ग्रुपला पाठवा कळुद्या सर्वाना कि अंधश्रद्धा काय असते... आणि ती किती असते‼
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एकदा बाबासाहेब वर्गात असताना शिक्षकांनी प्रश्न विचारला. की अशी कोणती वस्तू आहे, आपण ती पाहू शकतो,पण हात लावू शकत नाही...?

एकदा बाबासाहेब वर्गात असताना
शिक्षकांनी प्रश्न विचारला.

की अशी कोणती वस्तू आहे,
आपण ती पाहू शकतो,पण हात लावू शकत नाही...?

मुलांनी उत्तर दिले....
कोणी सांगितले सूर्य,
कोणी सांगितले चंद्र,
कोणी सांगितले तारे,
.
.
.
बाबासाहेबांनी हात वर केले
बाबासाहेब म्हणाले
समोर जो पाण्याने भरलेला माठ
आहे ना तो मी पाहू शकतो पण
हात लावू शकत नाही...!!!
.
.
.
.
आणि शिक्षकांनी मान खाली घातली.
.
"आज आपल्याला जे पाणी प्यायला मिळतय ते
बाबासाहेबांमुळे याची प्रत्येकाला जाणीव असावी"
.
 विश्वरत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकरांचा विजय असो....!!!
.
.
                     !!..जय भिम..!!

एकदा बाबासाहेब घरी संविधान कलमांचा कच्चा आराखडा लिहत बसले होते तर. तेथे बँ पंजाबराव देशमुख हे कुणबी मराठा समाजाचे नेते आले

एकदा बाबासाहेब घरी संविधान कलमांचा कच्चा आराखडा लिहत
बसले होते तर. तेथे बँ पंजाबराव देशमुख हे
कुणबी मराठा समाजाचे नेते आले - बाबासाहेब त्यांना म्हणाले
"दादा मी थोडा बाहेर फेरफटका मारून येतो- तोपर्यंत
तुम्ही हे संविधान कलमे वाचा व सुधारणा सुचवा; मग
बाबासाहेब थोडयावेळाने येतात तर पंजाबराव देशमुखांच्या डोळयात
पाणी भरून येते ; तेव्हा बाबासाहेब विचारतात दादा का रडताय ?
तर देशमुख उत्तर देतात" भिमराव मी इथे
ज्या मराठा कुणबी समाजाला आरक्षणाची तरतूद
तुम्ही संविधानात करा असे सांगायला आलो होतो ते तर
तुम्ही सगळयांच्या अगोदर लिहून ठेवलय '"
..Greatness of Babasaheb ...
काही लोक म्हणतात बाबासाहेबांनी
बौद्धांना सर्व आरक्षण दिले,
बघू कसे
संपूर्ण आरक्षण = 50%.
ओबीसी = 27%
NT+ ST = 10 %
SC = 13%
आता SC मधे 60 जाती
त्यात 1 बौद्ध बाकिचे सर्व हिंदु
म्हणजे
बौद्धांन्ना 50 %पैकि फक्त 0.21% आरक्षण
आणी बाकीचे सर्व हिंदुन्ना.
तरी हि म्हणतात बाबासाहेबांनी
बौद्धांन्ना सर्व आरक्षण दिले.

बाबा साहेब आंबेडकर की वजह से नेता बना नेती बना,

बाबा साहेब आंबेडकर की वजह से नेता बना नेती बना,
बाबा साहेब आंबेडकर की वजह से मास्टर बना मास्टरनी बनी,
बाबा साहेब आंबेडकर की वजह से चपरासी से लेकर राष्ट्रपति भवन तक बना और
जब उससे पूछते हे नौकरी किसने लगाई, कार कहाँ से आई, मकान कैसे बनाया, तो बोलता हे
सब साई महाराज की कृपा है
सब शिव जी कृपा है
सब रामचंद्र जी की कृपा है
सब हनुमान जी की कृपा है
सब दुर्गा माई की कृपा है
सब लक्ष्मी माँ की कृपा है
सब चुटिया वाले बाबा की कृपा है
सब कृष्ण जी की कृपा है
सब सनी महाराज की कृपा हे
सब 33 करोड़ देवी देवताओ की कृपा हे।
में भीमपुत्र घनश्याम आंबेडकर पुछता हूँ उस नमकहराम से क्यू से नालायक इस भारत में "बाबा साहेब आंबेडकर" से पहले भी
शिवजी था
हनुमान जी था
विष्णु जी था
राम जी था
साई जी था
रामचन्द्र जी था
कृष्ण जी था
सनी महाराज था
दुर्गा जी थी
काली जी थी
लक्ष्मी जी थी
सरस्वती जी थी
33 करोड़ देवी देवता थे।
किसी ने एक भी स्कूल खोला हो? एक भी स्कूल खोला हो? तो सबसे पहले गर्दन मेरी काटना की भीम पुत्र घनश्याम आंबेडकर झूँठ बोल रहा है ।
किसी देवी देवता ने हमारे हक़ कई लड़ाई लड़ी हो?
किसी देवी देवता ने हमारे आरक्षण की लड़ाई लड़ी हो? किसी देवी देवता ने छुआ छुत की लड़ाई लड़ी हो तो?
किसी देवी ने छुआ छुत का विरोध किया हो?
किसी देवी देवता ने तुम्हारी आज़ादी की लड़ाई लड़ी हो?
किसी भी देवी देवता ने तुमको तुम्हारे अधिकार दिलाने के लिए लड़े हो? तो सबसे पहले मुझे फांसी लगाना की ये भीम पुत्र घनश्याम गलत बोल रहा है इसे फांसी लगा दो।
मैं भीम पुत्र घनश्याम आंबेडकर, भारत सरकार से अपील करता हु इस बात की शिकायत दर्ज कराई जाये की ऐसा कौन सा देवी देवता हे जिसने दलितों (sc st obc) के हक़ की लड़ाई लड़ी हो?
किसी देवी देवता ने पिछड़े वर्ग (obc) की लड़ाई लड़ी हो?
किसी देवी देवता ने महिलाओं को आज़ाद कराने के लिए लड़ाई लड़ी?
किसी देवी देवता ने हमारे किये आरक्षण की लड़ाई लड़ी?
किसी देवी देवता ने छुआ छूत की लड़ाई लड़ी हो?
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अगर हमारे लिए लड़ाई लड़ी हे तो बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर ने और मूलनिवासी समाज में पैदा हुए महापुरुषो ने।
सजन्नो,
इन् देवी देवताओ में बस हम अपना टाइम खराब कर रहे हे इन्हें लात मार कर बाहर निकालो जिसने हमारे किये किया कुछ नही और उपपर से गुलाम बनवा दिया था। और हम उन्ही को पूज रहे हे????
आखिर कब तक???
कब तक झूँठ का सहारा लेते रहोगे।
बाबा साहेब ही हमारे मसीहा हे और बाबा साहेब की हमारे बाप हे और हम उनके बच्चे है।
लेकिन आपके घरो में बाबा साहेब की फ़ोटो की जगह इन्ही 33 करोड़ो की फ़ोटो मिलेंगी जिसने हमारे लिए कुछ नही किया। आज ही सारे 33 करोड़ो को अपनी घरो की दीवारो पर से उतार कर फाड़ कर फेंको और बाबा साहेब की फ़ोटो लगाओ
और
अपने मूलनिवासी समाज में पैदा हुए महापुरुषो के फोटोज लगाओ जो हमारे लिए लड़े हे ओर हमारे लिए बहुत कुछ कुर्बान किया और उनके विचारो पर चलो,
और हमे अपने मूलनिवासी महापुरुषो के त्याग और संघर्ष को नही भूलना चाहिए। तभी हम आगे बढ़ेंगे और तभी हम इस ब्राह्मणवाद नाम की गुलामी से आज़ाद होंगे। और
बाबा साहेब की विचारधारा को अपनाना होगा हम तभी आगे लाइफ में सफल होंगे।
नमो बुद्धाय
जय भीम
जय भारत

सुंदर माहिती !! भारतीय रिपब्लिकन पक्ष हा भारतातील राजकीय पक्ष आहे.

सुंदर माहिती !!

भारतीय रिपब्लिकन पक्ष हा भारतातील राजकीय
पक्ष आहे. डॉ. भीमराव आंबेडकरांनी सुरू
केलेल्या शेड्युल्ड कास्ट्स फेडरेशन
या संघटनेतून हा पक्ष उदयास आला.
या पक्षाचे मुख्य बलस्थान महाराष्ट्रात
आहे. शेड्युल्ड कास्ट्स फेडरेशन हाही एक
निवडणुकीत उतरणारा राजकीय पक्ष होता.
भारतीय रिपब्लिकन पक्षाचे अधिकृत नाव
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया असे आहे.
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया आणि फाटाफूट हे
दोन समानार्थी शब्द आहेत. डॉ. बाबासाहेब
आंबेडकरांच्या निधनानंतर ३ ऑक्टोबर १९५७
रोजी त्यांच्या अनुयायांनी स्थापन
केलेल्या या पक्षाचा संपूर्ण इतिहासच
फाटाफुटींनी भरलेला आहे. दररोज ‘रिपब्लिकन’
हा शब्द असलेला एक राजकीय पक्ष (गट)
स्थापन होतो आणि पुढे तो फुटतो, असे
या प्रक्रियेचे वर्णन करता येईल.
पहिल्यांदा हा पक्ष फुटला तो १९५८ साली.
म्हणजे पक्षस्थापनेनंतर एक
वर्षांच्या आतच. तेव्हाही नेतृत्व
कुणी करायचे, यावरूनच पक्ष फुटला होता.
त्यातून खोब्रागडे-गायकवाड आणि कांबळे-
रूपवते असे दोन गट निर्माण झाले. १९६४ मध्ये
गायकवाड गटातून आर. डी. भंडारे बाहेर पडले
तर १९६५ मध्ये कांबळे गटात फूट पडून रूपवते
बाहेर पडले आणि गायकवाड गटाशी त्यांचे
ऐक्य झाले (म्हणजे ज्यांना विरोध
केला त्यांच्याकडेच गेले). त्यानंतर
आजपर्यंतचा या पक्षाचा संपूर्ण प्रवास
फाटाफूट आणि ऐक्य यांनी रंगलेला आहे.
वारंवार झालेल्या या फाटाफुटी व ऐक्यामुळे
‘फूट’ आणि ‘ऐक्य’ या दोन्ही शब्दांचे
रिपब्लिकन चळवळीच्या संदर्भातले गांभीर्यच
नष्ट झाले आहे. आत्तापर्यंत
या पक्षाची ५०हून अधिक छकले झाली आहेत,
आणि अशा प्रत्येक छकलाचा एक स्वतंत्र
राजकीय पक्ष झाला.
त्यांतल्या काही छकलांची नावे : -
भारतीय रिपब्लिकन पक्ष (रिपब्लिकन
पार्टी ऑफ इंडिया)चे तुकडे
आंबेडकरवादी रिपब्लिकन पार्टी
इंडियन रिपब्लिकन पार्टी (दलित पॅंथर) -
नामदेव ढसाळ यांची पार्टी
ऐक्यवादी रिपब्लिकन
पार्टी (दिलीपदादा जगताप)
खोब्रागडे रिपब्लिकन पार्टी (उपेंद्र
शेंडे)
दलित कोब्रा (भाई विवेक चव्हाण)
दलित पँथर
भारतीय दलित पॅंथर पार्टी - दयाळ बहादुरे
यांचा पक्ष
भारतीय युथ पँथर
युवा दलित पँथर
दलित सेना
नॅशनल रिपब्लिकन पार्टी - अण्णासाहेब
कटारे यांची पार्टी
पँथर्स रिपब्लिकन पार्टी - गंगाधर गाडे
यांची पार्टी
पीपल’स रिपब्लिकन पक्ष - जोगेंद्र कवाडे
यांची पार्टी
प्रबुद्ध रिपब्लिकन पार्टी -शाम तांगडे व
सतीश गायकवाड यांची पार्टी
बहुजन भीम पँथर
बहुजन महासंघ - मखराम पवार यांची पार्टी
बहुजन रिपब्लिकन पार्टी
बहुजन रिपब्लिकन युनायटेड -
सुलेखा कुंभारे
भारतीय युथ पँथर
भीमशक्ती पार्टी
भारतीय दलित पॅंथर पार्टी - दयाळ बहादुरे
यांचा पक्ष
भारिप बहुजन महासंघ - प्रकाश आंबेडकर
यांचा पक्ष
रिपब्लिकन सेना ( आनंदराज आंबेडकर )
युथ रिपब्लिकन (मनोज संसारे)
युनायटेड रिपब्लिकन फ्रंट (गंगाराम इंदिसे)
राजगृह रिपब्लिकन पार्टी
राष्ट्रीय रिपब्लिकन पक्ष (तानसेन ननावरे)
रिपब्लिकन टायगर फोर्स
रिपब्लिकन पँथर्स -
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (राज घाडगे)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (कवाडे)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (खोब्रागडे)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया डेमॉक्रेटिक
(टी.एम. कांबळे)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (बी.सी.
कांबळे-आक्काताई बापूसाहेब कांबळे)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (महाराष्ट्र)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (मोघा)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (तळवलकर)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (राजा ढाले)vi
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (युनायटेड)
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-आर्के.-
आरके म्हणजे राजाराम खरात.

हे सर्व गट तट जर एकत्र आले तर कोणाचीच हिंमत होणार नाही आपल्यावर अन्याय करायला.तसेच राजकीयदृष्टयासुद्धा खूप पावरफुल असू शकतो...
🙏🏾अभिजीत सरदार🙏🏾
     (जय भिम इंडिया)

Friday, 27 May 2016

*कृपया आपल्या मोबाईल मध्ये हे करा ….* *फक्त दोन मिनिट लागतील*

*कृपया आपल्या मोबाईल मध्ये हे करा ….*

*फक्त दोन मिनिट लागतील*

*एका मोटार सायकल चालकाचा अपघात होवून तो बेशुद्ध पडला.*

*अपघात पाहून एक*
*कार चालक थांबला.*

*त्याने*
*Police आणि Ambulance यांना मदतीसाठी*
*बोलावले.*

*त्याने अपघात ग्रस्त मोटार*
*सायकल चालकाचा मोबाईल घेवून*
*त्याच्या कुठुंबातील व्यक्तींना*
*अपघाताची कल्पना दिली.*

*सुदैवाने मोटार सायकल चालकाचा*
*मोबाईल lock नसल्याने त्याच्या कुठुंबीयांशी*
*त्वरित*
*संपर्क होऊ शकला.*

*पण मोबाईल जर lock*
*असता तर ?????*

*कुटुंबीयांशी त्वरित संपर्क होऊ शकला असता का ???*

*आपण बहुतेक जण आता *Android phone चा वापर*
*करतो,*
*यामध्ये*
*Owners Info*
*नावाचा एक ऑप्शन असतो*
*जो*
*Screen Lock असताना*
*देखील प्रदर्शित होत असतो.*

*Owners Info पाहण्यासाठी Screen Lock ला पासवर्ड*
*लागत नाही.*

*त्यासाठी*

*Settings मध्ये जा*

*-> Security मध्ये जा*
*-> Lock screen and Security मध्ये जा*
*->Owners information  हा ऑप्शन आहे.*
*त्यामध्ये*
*तुमचे पूर्ण नाव*
*पत्ता*
*आणि घरतील जबाबदार*
*व्यक्तीचा नंबर टाईप करा !!*

*आपला फोन हरवल्यास अथवा*
*एखादी अनिश्चित घटना घडल्यास*

*यामुळे*

*मोलाची मदत होवू शकेल*
🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻

*हे सेटिंग लावण्यासाठी*
*फक्त दोन मिनिट लागतील*
  🔜🔜🔜🔜🔜🔜🔜

*चला तर मग>>>>>>*
  🚦🚦🚦🚦🚦🚦🚦


*Owners Info सेट करून*
  🆘🆘🆘🆘🆘🆘🆘

*सजग होवू* ⚠⚠⚠

*सतर्क होवू* ⚠⚠⚠

*सुरक्षित मार्गक्रमित होत राहू*🚲🚜🚖🚘🚍🚔
☑☑☑☑☑☑

*Please share this*
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"मान्यवर कांशीराम साहब और पत्रकार परिषद "

"मान्यवर कांशीराम साहब और पत्रकार
परिषद "
पत्रकार - कांशीरामजी से प्रश्न पुछा " आप
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता मानते है
या नहीं मानते ?"
कांशीराम साहब - मोहनदास करमचंद
गांधीने जिसका भला किया होगा वह उन्हें
महात्मा माने या भगवान माने इसमें मुझे कोई
लेनादेना नहीं है । लेकिन जिस मोहनदास
करमचंद गांधी ने मेरे बहुजन समाज
का सत्यानाश ही सत्यानाश किया है इसे मै
कदापि महात्मा नहीं मानूंगा।"
पत्रकार - तो क्या आपकी सरकार केंद्र में आने
के बाद आप गांधीजी का सन्मान नहीं करेंगे ?
कांशीरामजी - " गांधी का सन्मान
तो उतना ही करूँगा, जितना सन्मान इन्होने
डॉ बाबासाहब आंबेडकर का किया है । और
इन्होने जितना अपमान डॉ बाबासाहब
आंबेडकर का किया है उससे दुगना अपमान मै
गांधी का करूँगा ।
पत्रकार - उन्होंने तो आंबेडकर के नाम
की यूनिवर्सिटी दी है और आप कहते है
की इन्होने आंबेडकर का सन्मान नहीं किया।
कांशीरामजी - कांग्रेसने सेंटर में आंबेडकर के
नाम से यूनिवर्सिटी दी है। लेकिन
महाराष्ट्र के लोग 18 साल से महाराष्ट्र के
मराठवाडा में डॉ बाबासाहब आंबेडकर के
नाम की यूनिवर्सिटी मांग रहे है, लेकिन
अभी तक नहीं दी गई है। यह आंबेडकर का 18
साल से हो रहा अपमान नहीं तो और क्या है।
इसीलिये मेरी सरकार अगर केंद में आती है
तो सबसे पहले गाँधी को " भारत रत्न "
की ख़िताब दूंगा जो की कॉंग्रेसने
गाँधीको अभी तक भारतरत्न का सन्मान
नहीं दिया है । और मनु, शंकराचार्य और
गाँधी के भारत के गावगाव में पुतले लगवाकर
उन पुतले के निचे लिखूंगा की, " यही वे तिन
चोर बदमाश है जिन्होंने बहुजन समाज
का सत्यानाश ही सत्यानाश किया है ।"
पत्रकार परिषद् में कांशीरामजी ने ऐसा कहते
ही हॉल में उपस्थित सभी पत्रकार गुस्से
उठकर खड़े हो गये और आगे के कोई भी प्रश्न न
पूछते हुए, चाय नाश्ता ना लेते हुए पत्रकार
परिषद में से उठकर चल दिए और इस
तरहा पत्रकार परिषद समाप्त हुई।
मान्यवर कांशी राम साहेब मानना था कि एम्. एल. ए., एम्. पी.
बनाना ज्यादा जरुरी नहीं है. बाबा साहेब आंबेडकर के मूवमेंट
को चलाना ज्यादा जरुरी है. अगर मूवमेंट चलती रही तो एम्. एल. ए.,
एम्. पी. तो अपने आप पैदा होते रहेगे। उनका यह
भी का मानना था कि यह स्वाभिमान का आन्दोलन स्वयं के मानव
एवं वित्तीय संसाधन से लड़ा जाना चाहिए। यह अपने आप मे
स्वनिर्भर एवं स्वतंत्र होना चाहिए। अन्यथा अगर आप दुसरे
का सहारा लेते है तो उसका इशारा मानना पड़ेगा...उन्होंने
नारा दिया की जिसकी जितनी संख्या भारी-
उसकी उतनी हिस्सेदारी..उनका मानना था कि राजनीति में सफलता के
लिए गैर-राजनीतिक जड़ होना जरुरी है
कांशीरामजी कहते थे,
"मै महाराष्ट्र के महारो से ज्यादा
उ.प्रदेश के चमारो को मानता हु
जिन्होंने फुले शाहू आंबेडकर की
विचारधारा पर विश्वास रखा और
अपनी सरकार बनाली
महाराष्ट्र के महार फुले शाहू आंबेडकर के भक्त है अनुयायी
नहीं है जिस दिन ये
फुले शाहू आंबेडकर की विचारधारा
पर विश्वास रखकर अनुकरण करना
शुरू कर देंगे मै दावे से कहता हु
विधायक, सांसद मामूली बात है
वो यहाँ के मिनिस्टर बन सकते है
और अपनी खुदकी बहुजनों की सरकार बना सकते है...!

अमावस्येला सूर्यग्रहण लागलेले जगाने अनेकदा पाहिले आहे. पण अमवस्या नसतानाही खग्रास सूर्यग्रहण...?

अमावस्येला सूर्यग्रहण लागलेले जगाने अनेकदा पाहिले आहे. पण अमवस्या नसतानाही खग्रास सूर्यग्रहण...? हो... एकदा लागले आहे ! जगाने अनुभवले आहे !! 27 मे, 1935...! 'साहेबा'ची 'रामू' गेली अन् दलित, पीडित, शोषित, सर्वहारा समाजाचे जग अंधारात बुडाले ! तळपत्या सूर्याच्या सावलीने या जगाचा कायमचा निरोप घेतला आणि साक्षात सूर्याला रडू कोसळले...! निरोप घेण्यापूर्वी साहेबांचा हात आपल्या थरथरत्या हातात घेऊन रमाबाई बाबासाहेबांना म्हणाल्या, "साहेब ! माझ्या सात कोटी लेकरांवर लक्ष ठेवा... त्यांची काळजी घ्या... त्यांना मान-सन्मान जरूर मिळऊन द्या..." बस... हेच अंतिम शब्द होते त्यागमूर्ती रमाबाईंचे ! कुवत नसताना ज्या माऊलीने शेवटच्या श्वासापर्यंत केवळ देण्याचे काम केले, ती आज आपल्याला काही मागत आहे , हे ऐकून पाषाणाला पाझर फुटला असता. ते तर रामूचे साहेब होते ! बाबासाहेब ओक्साबोक्सी रडले. पण विचलित झाले नाहीत ! कारण तेथील सूर्याला या येथील सूर्यांने सांगून ठेवले होते...
तू तिथला
तर मी इथला सूर्य आहे
तू ता-यांना प्रकाशमान कर
मी सा-यांना प्रकाशमान करतो...!
आणि बाबासाहेब दिल्या शब्दाला जागले. रात्रीचे दिवस केले. अंधा-या वस्त्यांवर त्यांनी दिवे लावले ! या कामी खडतर काळात रमाबाईंची बाबासाहेबांना समर्थ साथ मिळाली नसती तर !... ही कल्पनाही करवत नाही. गणितामध्ये एक अधिक एक दोन होतात. ही साधी बेरीज ! पण इथे एक अधिक एक अकरा झाले !! यातच रमाईचे महात्म्य दडले आहे !!!
आज स्मृतिदिनानिमित्त आईला मनोभावे अभिवादन करताना कुणाचा कंठ दाटून येणार नाही ? येणारच !
बस... एकच करू या...
"इथे कुणाचेच काही कष्ट नाही
ही तुझीच कमाई आहे गं भीमाई"
ह्या दोन ओळी इमानदारीने काळजावर गोंदऊन घेऊ या...!
कोटी कोटी प्रणाम !!

संघटना हजार झाल्या। नेते हजार झाले।

🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻
संघटना हजार झाल्या।
नेते हजार झाले।

कोना म्हणावे आपुले।
चेहरे हजार झाले।

तु पाहिलेली स्वप्न पूर्ण झालित का रे।

भीमा तुझ्या मतांची माणसे मेलित कारे।।

👭👭👬👬
|| वामन दादा कर्डक।।

*पाप..,*

*पाप..,*

पाप धुण्यासाठी
यांनी
साऱ्या नद्या
घाण केल्या
त्याच नद्या
पुढं वाहत
आमच्या
गावात आल्या

चांगलं पाणी
गढूळ केलं
तेच पाणी
आम्ही पिलं
कित्येक वर्ष
या भामटयांचे
हे  पाप
आम्ही गिळलं

साधू ,संत,
म्हणवणारे हे
यांच्याकडून
पाप कसे होते
अन्
एका डुबकीने
साऱ्या आयुष्याचे
पाप
साफ कसे होते..?

रवींद्र कांबळे 9112143360
व्हाट्सप क्र.  9970291212

!! शुभ सकाळ !!

'निवड'' ''संधी'' आणि ''बदल'' या तीनही पण महत्वाच्या गोष्टी आहेत. "संधी" दिसता "निवड" करता आली तर "बदल" आपोआप होतो.
"संधी" समोर दिसुनही ज्याला "निवड" करता येत नाही त्याच्यात कधीच "बदल" घडत नाही....
!! शुभ सकाळ !!

✿✿✿✿✿

भिमा तुझ्या रथाचे घोडे चुकार झाले

बाबा तू गेल्यानंतर झुकला समाज हा
बाबा तू गेल्यानंतर विकला समाज हा
नुसताच भाषणातून भूकला समाज हा
अरे पोट ज्यांची भरली ते-ते फरार झाले
भिमा तुझ्या रथाचे घोडे चुकार झाले
परक्या रथाला जुंपून सारे टुकार झाले
येथे ही भाव नाही
तेथे ही भाव नाही
अरे कोठेच भाव नाही
इतके भिकार झाले
भिमा तुझ्या रथाचे घोडे चुकार झाले
🙏🙏🙏🙏.,

त्यागमूर्ती माता रमाबाई भीमराव आंबेडकर (२७ मे १९३५ स्मृतिदिन )

त्यागमूर्ती माता रमाबाई भीमराव आंबेडकर (२७ मे १९३५ स्मृतिदिन )
भारतातील लाखो खेड्यांपैकी वणंद ता. दापोली ,जी. रत्नागिरी हे एक खेडेगाव . ह्या खेड्यात दिनांक ७ फेब्रुवारी १८९७ रोजी रुख्मिणी आणि भिकू धुत्रे यांच्या पोटी एका बालिकेचा जन्म झाला . भिकू दामू धुत्रे यांनि ह्या बालिकेला " भागीरथी " या नावाने साद घालीत असत. तीच भागीरथी म्हणजे बाबासाहेब आंबेडकरांची लाडकी " रामू " भागीरथीचे आई -वडील प्रंचड गरीब होते. त्यांच्याकडे पोटापुरती सुद्धा जमीन नव्हती , त्यामुळे मोलमजुरी हेच त्यांचे जगण्याचे साधन .घाम गळेपर्यंत काम करणे हि एवढीच त्यांना कला अवगत होती. आणि ह्या दाम्पत्याने अतिपरीश्रम केल्याने त्यांच्या आरोग्यावर त्या कामाचा परिणाम होत गेला. व भिखू धुत्रे आणि रुखिमी यांचे खूप कमी वयात निधन झाले .
आता भागीरथी तिच्या दोन बहिणी -अक्का , गौरा व लहान भाऊ शंकर हे अक्षरशः निराधार झाले. त्यांच्या डोक्यावरचे मायेचे छत्र हरवले होते . भागीरथीचे मामा मुंबईला राहत होते. त्याला ह्या मुलांचे हाल बघवत नव्हते अखेर त्याने या तिघा भावंडाना मुंबईला आणले मुंबईच्या भायखळा स्टेशन समोरील परिसरात ते राहत होते. भागीरथी आता लग्नाची झाली होती. मुलगी आठ-नऊ वर्षाची झाली कि ती लग्नाची झाली असी समजण्याचा तो काळ .
भागीरथीचेही लग्न झाले तर तिच्या कपड्यालत्याची सोय होईल शिवाय बहिणीच्या मुलीला अनुरूप वर दिल्याचे समाधान मिळेल ह्या विवंचनेत असताना सुभेदार रामजी सकपाळ यांची भेट झाली .सुभेदार सकपाळ हे मुळचे मंडणगड तालुक्यातील आंबडवे या गावचे मिलीटरी मध्ये असल्यामुळे त्यांचा वापर मिलिटरी कॅपातच असायचा . ते मिलिटरी शाळेचे मुख्याध्यापक होते व त्यांचा दर्जा सुभेदार हा होता. ते मुंबईला स्थायिक होण्याआधी , मध्यप्रदेश , सातारा , वैगैरे ठिकाणी रहात असत.
त्यांच्या एका मुलाचे आनंदरावांचे लग्न झाल्यावर ते भिमरावांसाठी ( भिवासाठी ) वधु शोधू लागले .सुभेदारांनी अनेक मुली पहिल्या अन त्यापैकी दोघींबद्दल अंतिम निर्णयहि घेतला होता. तेवढ्यात त्यांना भागीरथी बद्दल कळाले . तिला पाहताच माझ्या मनातली सून मला सापडली याचा त्यांना आनंद झाला . भागीरथी मितभाषी, दृढनिश्चयी होती. तिला बघताच तिची शालीनता आणि विनम्रता सुभेदारांना भावली . ती सून म्हणून त्यांनी मुक्रर केले.
भिवाचे लग्न झाले ४ / ४ / १९०६ रोजी तो वर होता बुधवार लग्नाचे ठिकाण हे तर अजबच म्हणायचे . मुंबईतल्या भायखळा मार्केट मधील मासळी बाजार हे ते ठिकाण .यावरून लक्षात येते कि त्या दोघेही कुंटुंबाची परिस्थिती अतिशय दारिाद्र्यात होती . दोन्ही कुटुंबाची लग्नखर्च करण्याची क्षमता नव्हती आणि म्हणून ज्या मासळी बाजाराचे काहीही भाडे द्यावे लागणार नाही आणि ऐसपैस जागा वापरता येईल असे ते ठिकाण होते.
"जागतिक कीर्तीचा विदाव्न, स्वतंत्र भारताचा संविधानकर्ता आणि लाखो-करोडोंचा उद्धारकर्ता त्याचे लग्न बिनभाड्याच्या मासळी बाजारात ! हे खरे तर जगातले एकमेव आश्चर्य !"
अखेर अत्यंत साधेपणाने हा विवाह उरकण्यात आला ताशांचा कडकडाट झाला. सुभेदारांनी वऱ्हाडाला शरबताची व्यवस्था केली होती .पोर डबल-टिबल शरबत पीत होती . आता वेळ आली एकमेकांना निरोप द्यायची . भली मोठी नऊवारी साडी सांभाळता सांभाळता इवल्याशा नवरीची त्रेधा तिरपीट उडत होती. वरात वाजत गाजत चाळीजवळ आली. चाळीतल्या स्त्री -पुरुषांचे डोळे लागले होते भिवाच्या पत्नीचे रुपडे बघण्यासाठी . मुलीचे नाव काय ठेवायचे . सुभेदारांनी भिवाला विचारले . भिवाने ' तुम्हीच काय ते नाव ठेवा ' असे म्हणताच सुभेदारांनी 'रमा ' असे नाव ठेवले .
इवलीशी भागीरथी आता रमाबाई बनून संसारात गर्क झाली .डबक चाळ सर्वार्थाने अपुरी होती. भिवाचा आता भीमराव झाला होता. अशा प्रकारे त्यांच्या प्रपंचाची सुरुवात झाली . १२ डिसेंबर १९१२ ला त्यांना पुत्र झाला . त्याचे नाव यशवंत असे ठेवले .यशवंताच्या जन्माने रमाला आपले जीवन सफल झाले असे वाटत होते. कारण यशवंताने रमाईला आईपण दिले होते . भीमरावही आनंदी होते. सुभेदार रामजी बाबांचे निधन झाल्यानंतर रमाईला मोठा धक्काच बसला, रमाई ने आपल्या आई -वडिलांचा मृत्यू पहिला .आणि आता सासऱ्यांचा मृत्यू पाहत होती . . २ फेब्रुवारीला रामजीबाबांचे निधन झाले तेव्हा रमाबाईवर जसे काही डोंगरच कोसळले .
त्यानंतर भीमरावांना उच्च शिक्षणासाठी अमेरिकेत प्रवेश मिळाला . भीमराव अमेरिकेला पोहोचल्याचे पत्र रमाईला पाठविले .भीमरावांनी अमेरिका आणि लंडनमधील अनेक पदव्या घेतल्या . रमाबाईना त्या पदव्यांचे महत्व वाटायचे . रमाबाईंना पतिसुख मिळत होते , परंतु मुलांचे सुख काही मिळत नव्हते . गंगाधर , रमेश ,इंदू यांचे निधन झाले होते. रमाबाई आपल्या मुलांच्या मृत्यूबद्दल भीमरावांना तात्काळ कळवीत नसत . मुलांच्या मृत्यूचे कळाले तर साहेब अर्ध्यावर अभ्यास सोडतील .मुलांचे दुःख पचवायला रमाबाई समर्थ होत्या. परंतु पतीला तर सांगणे भागच होते. १९१३ ते १९१७ या चार वर्षात रमाचे खूप हाल झाले तिला सर्पणासाठी वणवण फिरावं लागत होत .तशाही परिस्थितीत रमाई ने काटकसर करून बाबासाहेबांना पुस्तकासाठी मदत केली.
१९१८ ला भीमराव मुंबईत परत आले त्या साली भीमराव सीडनेहॅम कॅालेजात प्राध्यापकाच्या जागेवर रुजू झाले . भीमरावांना पहिला पगार रु. ४५० /-- मिळाला घरी आल्यावर भीमरावांनी पगाराची रक्कम रमाईच्या हातात दिली आणि म्हणाले 'रामू ! मोज हा किती पगार आहे . रमाईंच्या डोळ्यात अश्रू तराळले .रमाई ने तो पगार सुभेदारांच्या फोटो समोर ठेवला आणि बोलल्या घ्या आपल्या मुलाचा पगार . त्यांच्या डोळ्यातून अश्रुधारा वाहू लागल्या . भीमराव म्हणाले अग रामू ! पगार तरी मोज किती आहे . रमाई म्हणाल्या , ' मला वेडीला एवढा पगार कसा मोजता येणार ? आणि रमाबाई जमिनीवर बसल्या पगाराच्या नोटा काढून त्याच्या चारशे पन्नास रुपयाच्या वीसप्रमाणे पुड्या केलेल्या पाहून रमाई एकदम हबकल्या ' बाय बाय बाय ' एवढा पगार आहे, रमाबाईंचा कंठ दाटला भीमराव रमाबाईंच्या सालस चेहऱ्याकडे पाहत राहिले .
दोन मुले व मुलगी तडकाफडकी गेल्यानंतर अपत्य प्रेमास आसुलेल्या रमाबाईंना १९२८ मध्ये पुत्र झाला राणीसारख्या इंदूची आठवण त्यांना सतावत होतीच ह्या मुलाचे नाव राजरत्न असे ठेवले .राजरत्नाचा चेहरामोहरा भीमरावांसारखाच होता त्याचे योग्य ते पालनपोषण झाले पाहिजे व त्याला वेळेवर औषधोपचार मिळाले पाहिजेत या उद्देशाने एखादी नर्स मिळते का ? म्हणून भीमरावांनी शोध घेतला . परंतु अस्पृश्याच्या घरी नर्स बनून काम करायला एकही तयार नव्हती रमाबाई तर प्रचंड अशक्त होत्या . भीमराव काही चोवीस तास बाळाबरोबर राहू शकत नव्हते अखेर १९ जुलै १९२६ या दिवशी मृत्यूने राजरत्नवर घाला घातला . रमाबाईनि साहेबांकडे नजर टाकली .साहेब रडत होते त्यांनी साहेबाना मिठी मारली , त्या साहेबांच्या गळ्यात पडून जोरजोरात रडू लागल्या .
महाडच्या प्रसंगानंतर रमाबाईना असे वाटू लागले कि साहेबांच्या जीवाल धोका आहे . आणि ह्याचा धक्का त्यांना बसला व रमाईने अंथरूण धरले . रमाईची प्रकृती आता खालवत चालली मुंबईची हवा त्यांना काही मानवेना . तर एकदा निपाणीचे वराळे मास्तर घरी आले . त्यांनी रमाबाई ना विनंती केली चार दिवस धारवाडला येऊन राहा . तिथे गेल्यानंतर रमाईच्या तब्बेतीत थोडी सुधारणा झाली . तिथे असलेले मुलांच्या वसतिगृहास त्यांनी आपल्या हातातील सोन्याच्या बांगड्या काढून दिल्या व मुलांच्या खाण्यपिण्याची सोय करण्यास वराळे मामांना सांगितले .धन्य ती माऊली .
दुसऱ्या राउंड टेबल कॅान्फरन्स वरून १९३० ला भीमराव भारतात परतणार होते. साहेब बोटीवरून खाली आले अनेकांनी आणलेले पुष्पहार बाबासाहेब स्वीकारीत होते. भीमराव आंबेडकरांचा विजय असो अशा घोषणांनि मिरवणूक निघाली . सगळ्यात शेवटी रमाबाई नि हार देतांना बाबासाहेबांचा चेहरा न्याहाळन्याऐवजी त्यांची नजर साहेबांच्या पायावर होती. त्यांना ह्याबाबत प्रश्न केल्याबद्दल त्यांनी उत्तर दिले कि मी साहेबांना नेहमीच पाहते .ज्यांना कधी काळी त्यांचे दर्शन होते त्यांना प्रथम संधी देणे हे माझे कर्तव्य आहे .त्यांनी गोरगरिबांच्या उद्धाराच कंकण बांधल आहे व मी त्यांची पत्नी आहे त्या कंकणाला माझी नजर लागू नये म्हणून मी त्यांच्या पायाकडे नजर वळविली .
२२ मे ला बाबासाहेब पनवेलला गेले तेव्हा रमाबाईची प्रकृती खालावली होती. २७ मे १९३५ ला त्या पलंगावर झोपल्या होत्या त्यांनी साहेबांना पहिले . त्यांच्या डोळ्यातून अश्रू ओघळू लागले . त्यांना काहीतरी सांगायचे होते. मोठ्या प्रयासानी त्यांनी आपला हात वर केला परंतु तो हाथ एकाएकी खाली पडला रमाबाईंनि त्या क्षणी अखेरचा श्वास घेतला आणि आपल्या पतीच्या मांडीवर अखेर मरण पत्करले . साहेबांनी हंबरडा फोडला .माझी रामू..रामू..रामू...मला सोडून गेली.
हि प्रेत यात्रा वरळी स्मशानभूमीत नेण्यात आली आणि पुत्र यशवंतानि सर्व विधी पार पाडले . रमाबाई यांचे कलेवर दफन करण्यात आले . त्यागाची एक मूर्ती तिने ह्या जगाचा त्याग केला
माता रमाबाई भीमराव आंबेडकर , भारतातील करोडो पददलितांची , अव्हेरलेल्यांची माऊली . आयुष्यभर झाडासारखी उन्हात उभी राहिली आणि तिने करोडो लोकांना सावली दिली . ती मंद वाऱ्याची झुळूक झाली . हि माऊली जशी त्यागमूर्ती होती त्याच प्रमाणे चराचरांवर प्रेम करणारी माऊली होती. दुधावरची साय होती. परोपकार हा तिचा धर्म होता तिचा त्याग हाच आंबेडकरी समाजाचा ठेवा आहे . महिलांचा तो आदर्श आहे . ह्या मातेने आपले जीवन बाबासाहेबांच्या कार्याप्रती समर्पित केलेच नसते तर बाबासाहेबांना शून्यातून जग निर्माण करता आले नसते . बाबासाहेबांनी चाळीस -पंचेचाळीस वर्षात पंखविहीन पक्षांना पंख दिले, पंखात बळ ओतले त्यामुळेच सरपटणारे प्राणी गरुड झेप घेऊ शकले. या सगळ्या किंमयेत किमयागार डॉ बाबासाहेब असले तरी या किमयेच्या भागीदार आहेत ; आईसाहेब तथा रमाबाई आंबेडकर . बाबासाहेबांच्या लढ्याला उर्जा देऊन त्याला उर्ज्वस्वल करण्याचे काम याच मातेने केले आणि तेही अर्धपोटी राहून .
अशा ह्या पददलितांच्या त्यागमूर्ती मातेच्या स्मृती दिनी विनम्र अभिवादन व कोटी कोटी प्रणाम
! जय भीम ! !! जय भारत !! !!! नमो buddhay⁠⁠⁠⁠

Wednesday, 25 May 2016

आजची viral post...

आजची viral post...

पित्याच्या मृत्यू नंतर पितरांना शांती लाभावी म्हणून पितर जेऊ घालतात.

मराठ्यांचा बाप मराठा, धनगराचा बाप धनगर, माळयाचा बाप माळी, महाराचा बाप महार असतो.

मग मेल्यानंतर सगळ्यांचे पितर कावळाच कसे होतात?

एखाद्याचे पितर राजहंस, दुसऱ्याचे बदक, तिसऱ्याचे पोपट असे का होत नाहीत ?

जीवंत असताना जाती जातीत भेद करणारांची मेल्यावर कशी समानता ?

हे ढोंग कशासाठी ?

।। कविता ।। लेकरु...............

।। कविता ।।

लेकरु...............

फ़क्त एकदा वाचा डोळ्यात नक्की पाणी येईल

चंद्रमोळी झोपडीत
गोजिरवाणी परी
पितृछत्र हरवलेलं
आई तेवढी घरी

भाकर तुकडा झाल्यावर
माय निघायची घरून
पुन्हा परत यायची
काबाडकष्ट करून

एक दिवस विटा गोटे
वाहत होती माय
शिडीवरून तोल गेला
मोडला तिचा पाय

बिछान्यावर खिळली तेव्हा
स्वतःवरच रागवायची
चिंता पडली होती तिला
रोजचा खर्च भागवायची

घरामध्ये नव्हता
अन्नाचा एकही कण
अन तशातच आला
दिवाळीचा सण

कोमेजलेली परी बघून
लागल्या आसवांच्या धारा
म्हणे माझ्या चिमण्या बाळा
कुठून आणू रे चारा ?

तिची ईवली लेकच मग
झाली तिची माय
म्हणे आई ! धीर सुटावा असं
घडलंय तरी काय ?

आसवे पुसली आईची
अन अशी बिलगली घट्ट
म्हणे सांग आई कधी तरी
मी केला का गं हट्ट ?

चिंता कशाला करते आई
रडणं जरा तु सोड
अगं माझं पोट तर आत्ता भरेल
फक्त एक पप्पी दे तु गोड

रिकामं आहे पोट
ह्यात काही वाद नाही
पण तुझ्या गोड मुक्याचा
पक्वान्नालाही स्वाद नाही

एकमेकींच्या मुक्याचा
भरवू एकमेकींना घास
आपलं पोट नक्की भरेल
आई मला आहे विश्वास

माय म्हणाली येरे कुशीत
माझ्या लाडक्या पाखरा
कुठून आली एवढी समज
सांगा माझ्या लेकरा ?

आसवे ओघळली ओठांवर
माय झाली मूक
अश्रूंनी तहान गेली
गेली मुका घेताच भूक.!!"

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एक सुंदर पत्र आईविना असलेल्या एका मुलाने आपल्या आईस काव्य रूपाने लिहुन पाठविले आहे ते मला आवडले म्हणून मी तुम्हा सर्वांना पाठवित आहे.

एक सुंदर पत्र आईविना असलेल्या एका मुलाने
आपल्या
आईस काव्य रूपाने लिहुन पाठविले आहे ते मला
आवडले
म्हणून मी तुम्हा सर्वांना पाठवित आहे.
प्रिय आईस,
पत्ता: देवाचे घर,
तुझा हात हवा होता
सदा माझ्या उश्यावर,
थोपटून मला झोपवायला
अचानक जाग आल्यावर.
मी अजून सुद्धा दचकून
जागा होतो मधिच,
तुझी काळजी रात्रभर
सतावत राहते उगीच.
तू का इतक्या लवकर
सोडून गेलीस गाव माझं,
'आईविना पोर' असं
घेतात लोकं नाव माझं.
वरवरच्या पदार्थांची मला
चवच लागत नाही,
काय करू तुझ्या दुधाविना माझी भूकच भागत
नाही.
पोरकेपणाची माझ्या भोवती
का ठेऊन गेलीस जाळ,
का खरंच इतकी कच्ची
होती, तुझ्या माझ्यातली नाळ.
तिथं कुणी आहे तुझ्याशी
बोलायला भरपूर,
उगाच रडत राहू नकोस
दाबून स्वतःचा ऊर.
बघ आई आता मी
रडत नाही पडलो तरी,
मला ठावूक आहे तू
गेली आहेस देवाघरी.
भूक लागली तरी
बिलकूल मी रडत नाही,
कारण मी हसल्या शिवाय
तुला चैन पडत नाही.
पण रोज रात्र झाली कि तुझ्या आठवणींचा
थवा येतो,
अंथरुणात लपून, पुसून डोळे, मी गप्प झोपी
जातो.
बघ तुझं बाळ किती
समजूतदार झालं आहे,
आणि वय कळण्याआधी
वेडं वयात आलं आहे.
अजिबात म्हणजे अजिबात
त्रास देत नाही पप्पाला,
तुझी काळजी तेवढी मात्र
घ्यायला सांग बाप्पाला.
आणि सांग कि
हे शहाण बाळही आहे हट्टी,
जर का काही झालं तुला तर घेईल म्हणावं
कट्टी.
मी आता थकलोय
तुला ढगांमध्ये पाहून,
ये आता भेटायला
नजर तिथली चुकवून.
जमलं जर का सुट्टी घ्यायला
तर ये निघून अशीच,
पोट भरतं ग रोज
पण मायेची भूक अजून तशीच....
मायेची भूक अजून तशीच....
मायेची भूक अजून तशीच....
आईची किम्मत हि ती नसल्यावरच
कळनार्याला कळते
म्हनुन,,,त्या माउलीची तिच्या
हयातीतच सेवा करा आणि
आईला दु:ख देउ नका !
आवडलच आपल्याला तर वेळ काढून नक्की 📕📓📖📚📒📔📙📘📗

🌷 धोकेबाज 🌷

🌷 धोकेबाज 🌷
दगडाच्या नागोबाला पुजणारा
जीवंत नागाला मारतो
सांगा बरं मानव
असे का करतो...||1||
हनुमान असतो देव
म्हणत बसतो मंत्र
माकडांना हाकलुन देतो
कसलं हे तंत्र...||2||
उंदराला म्हणतो वाहन
करतो त्याची आरती
विष देऊन मरतो
माणूस असतो स्वार्थी...||3||
कुत्रा म्हणे खंडोबा
चित्रापुरता असतो फक्त
त्याला दगडाने ठेचताना
कुठे जातो भक्त...||4||
दगडाला नैवेद्य असतो
दगड खेळतो तुपाशी
जीवंत कोटी कोटी देव
झोपतात रोज उपाशी...||5||
दगडाला देव मानणारा
माणसात मानतो भेद
जन्मदात्रीचा विटाळ त्याला
वाटत नाही खेद....||6||
जीवंत माणसालाही माणूस म्हणन्याची
मणसालाच वाटतेय लाज
माणसा रे भोंदु माणसा
तु स्वतःशीच धोकेबाज...||7||


विशाल ढेपे
8007434501
औरंगाबाद

कुछ आरक्षण विरोधी तत्व पिछले 3-4 दिन से UPSC topper टीना डाबी का reservation को लेकर मजाक उड़ा रहे हैं.....इन अक्ल के अंधों को अभी आरक्षण का पूरा ज्ञान ही नहीं हैं.......

कुछ आरक्षण विरोधी तत्व पिछले 3-4 दिन से UPSC topper टीना डाबी का reservation को लेकर मजाक उड़ा रहे हैं.....इन अक्ल के अंधों को अभी आरक्षण का पूरा ज्ञान ही नहीं हैं.......
इस पोस्ट को इतना शेयर करो कि इनके कान के पर्दे खुल जाये।
अंकित श्रीवास्तव..........इस आदमी के एक फेसबुक पोस्ट  ने upsc topper टीना डाबी और आरक्षण पर तंज कसते हुये खूब सुर्खिया बटोरी।  स्वाभाविक ही था.....  reasult के बाद उस अदृश्य जलन पर burnol लगाने का तुच्छ अवसर जो मिला.....और सबने मिलकर भुनाया भी....खुद अंकित भाई ने भी और आरक्षण पर Ph. D कर चुके देश के नामी फेसबुकिये विद्वानों ने भी.......। आरक्षण पर फिर से बिन मांगी राय , सलाह , मशविरा आदि आदि आने लगे । मैं प्रकाश जारवाल ,आरक्षण पर आपके विचारों की इज्जत करता हूँ ....चाहे पक्ष में हो या विपक्ष में ।

मेरा यह post सीधा दो टूक अंकित व उसके भाईयों को समर्पित हैं क्यों कि उसे आरक्षण का गहराई से ज्ञान नहीं हैं....वैसे उसे जरूरत भी कहाँ हैं....किसी की मजाक उड़ाने के अलावा। आरक्षण की यह गहराई काफी कम लोगों को पता हैं.....तो  please पूरा पढ़े और उस नौसिखए बड़े भाई अंकित तक पहुँचा दे।  तो सुनिए .........
Prelims की लड़ाई सिर्फ अपनी catagory से ही होती हैं अंकित भाई.......थोड़ा ठंडा पानी पीकर समझने की कोशिश करें.....गर्मी बहुत है.....। अपनी catagory के seats के कुछ निश्चित गुणा ( शायद  15 गुणा) लोगों को मैन्स  के लिये बुलाया जाता हैं। इनके marks का दूसरी catagory यानी general पर affect नहीं पड़ता।  pre में आपको सिर्फ खुद के वर्ग में ही compete करना होता हैं। आपने कहा कि टीना के marks कम होने के बावजूद वो qualify कर गयी.....और बिल फाड़ दिया आरक्षण पर । समझ नहीं आ रहा ????? Google कीजिये और अच्छे से पढ़े dharmendra tholia v. State of rajasthan , mahesh kumar khandelwal v. State of rajasthan, chattar singh v. State of rajasthan .....ये केस आपको बतायेंगे कि किस तरह reserved catagory की cuttoff general से भी आगे जा सकती हैं  prilims में और किस तरह reserved catagory वाला general से ज्यादा marksहोने पर भी RAS की मुख्य परीक्षा के लिये qualify नहीं कर सका। ज्यादा दूर क्यों जायें...

अभी 2-3 महीने पुरानी बात हैं.....राजस्थान *पटवारी* भर्ती परीक्षा में pre की cuttoff sc 112.78 की general 104  से भी ज्यादा थी। और मेरे उसमें 112.17 नम्बर आ रहे थे। अगर आपकी तरह सीधा सा हिसाब लगाऊ तो higher marks वाला qualify करना चाहिए पर ऐसा नहीं हुआ ... sc का लडका general से ज्यादा marks लाने पर भी mains के लिये qualify नहीं कर पाया। अब बताओ .....
यहाँ कौनसे आरक्षण को गाली दूँ।
 google कीजिए....इतनी मेहनत  तो आप कर ही सकते है..... मैरिटधारी जो हैं ।
 Recently Raj HC भी held कर चुके है कि prelims केवल और केवल छंटनी का माध्यम हैं....इसमें reservation follow करना जरूरी नहीं हैं। हाँ....आरक्षण  पर आपके विचार पक्ष-विपक्ष में हो सकते हैं पर इसका सहारा लेकर आप आज हजारों बेटियों की प्रेरणा स्त्रोत upsc topper बहन टीना डाबी पर तंज ना कसे।
मेरे इस प्रयास को इतना फैलाओ ताकि देेश और समाज के कुछ लोगों के दिमाग में जमी गंदगी की परतें थोड़ी कम हो जाये ।
जय भीम -जय भारत
इन्हीं उम्मीदों के साथ आपका ...
प्रकाश जारवाल (बाँदीकुई)
9057670175

Date: 25-05-16 📹सकाळच्या हेडलाईन्सवर एक नजर📻

Date: 25-05-16

📹सकाळच्या हेडलाईन्सवर एक नजर📻
( 🇮🇳 Gooood Morning INDIA 🇮🇳 )
🙏🙏🙏🙏मराठी🙏🙏🙏🙏

http://mahresult.nic.in/ या वेबसाईटवर विद्यार्थ्यांना त्यांचा सविस्तर निकाल पाहायला मिळेल. या निकालाकडे राज्यातील बारावीच्या विद्यार्थ्यांचं लक्ष लागून राहिलं आहे.

पाटणा- दिल्ली एअरअॅम्बुलन्सचे क्रॅश लॅंडिंग, नजफगडजवळ शेतात उतरवले

या बाबाने 100 महिलांचे केले लैंगिक शोषण, CCTV बघून करायचा निवड, ढोंगी बाबा अटकेत

नाशकात गोळ्या झाडून मित्राची हत्या, 5 महिन्यांत खुनाच्या 23 व्या घटनेमुळे खळबळ

अडीच लाख रुपये न भरल्याने रुग्णाला दीड महिने डांबलं

रेल्वे नीरऐवजी दुसरं पाणी का, जाब विचारणाऱ्या जोडप्याला रेल्वे पँट्रीच्या 20 कर्मचाऱ्यांची मारहाण

लोकलमधील स्टंटबाजी जीवावर बेतली, एकाचा मृत्यू तर चौघे जखमी

कांदा खाल्ल्याने ब्रेस्ट कॅन्सर, फुफ्फुसाच्या कॅन्सरचा धोका टळतो. शिवाय कांद्यामुळे युरिन इन्फेक्शनही होत नाही

प्रीती मेनन, मनीष भंगाळे, जयेश दवेंवर गुन्हा दाखल होण्यासाठी चौकशी व्हावी, एकनाथ खडसेंचं मुख्यमंत्र्यांना पत्र

ब्रेडमध्ये कॅन्सरजन्य घटक प्रकरण, ब्रेड मॅन्युफॅक्चरर्स असोसिएशनचे अध्यक्ष म्हणतात

दिल्लीत मारुती सुझुकीच्या सियाज, अर्टिंगा कारच्या किंमतीत भरघोस कपात

मोदी सरकारची 2 वर्षे: कोण ठरलं Success तर कोण अडकलं कॉन्ट्रॉव्हर्सीत

आसाममध्‍ये 'सर्वानंद': शपथ ग्रहण सोहळ्याला मोदींसह पोहोचले 14 CM

अर्जुन तेंडुलकरची अंडर-16 वेस्ट झोन संघात निवड

मी डिमांडर नव्हे कमांडर : महादेव जानकरांनी भाजपला ठणकावलं

 दुपट्टाआडून दुकानं फोडणारी महिलांची टोळी, औरंगाबादमध्ये 'दुपट्टा गँग'चा धुमाकूळ

दाऊद इब्राहिम कॉलिंग प्रकरण : एकनाथ खडसेंचं थेट मुख्यमंत्र्यांना पत्र

आमदार अंगूरलता यांच्यावर राम गोपल वर्मांचं वादग्रस्त ट्वीट

स्मार्ट सिटी: शासनाने जाहीर केली नवीन यादी, लखनौसह 13 शहरांचा समावेश

Modi@2Years: अंबानी-अदानींचे 60 हजार कोटींचे नुकसान तर टाटा-बिर्लांना फायदा

2 नराधमांचा सख्या पुतणीवर बलात्कार, आजोबांनी मुलीची हत्या करून फेकले विहिरीत

झिम्बाब्वेसाठी यंग टीम, एकेकाळी शेतात प्रॅक्‍ट‍िस करायचा चहल

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻हिंदी🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

'आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 18 साल से पहले हो जाती है 28% लड़कियों की शादी'

स्टंटमैन के लिए बीमा चाहते हैं सुपरस्टार Akshay Kumar

खुद के डायरेक्शन में बनी फिल्म में एक्टिंग नहीं करूंगा: Aamir Khan

चीन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बोले- मतभेद कम करना भारत का मकसद

ISIS के आतंकी बड़ा साजिद से दुबई में मिला था IM सरगना अब्दुल वाहिद

रनवे की जगह रोड पर उतार रहा था प्लेन, बाल-बाल बचे 180 मुसाफिर

पत्नी की हत्या का राज छुपाने के लिए बेटे को दी 10 रुपये की रिश्वत

CBI ने की 5 घंटे तक पूछताछ, ज्यादातर सवालों पर हरीश रावत ने साधी चुप्पी

IPL: डिविलियर्स का बल्ला चला, पहले क्वालीफायर में गुजरात से छिनी जीत

असम के CM बने सोनोवाल, PM बोले- यहां बनेगा पूर्वोत्तर के विकास का केंद्र बिंदु

दिल्ली: NDMC इलाके में स्ट्रीट फूड बैन

मोदी सरकार के दो साल पर बड़े जश्न की तैयारी, इंडिया गेट पर कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे बिग बी

बिना टॉरपीडो के ही आएंगी भारत की नई पनडुब्बियां! सरकार ने रद्द किया टेंडर

आईपीएल 9: एलिमिनेटर में आज कोलकाता और हैदराबाद की टक्कर

राष्ट्रगान के लिए खड़े नहीं होने पर सेना के कार्यक्रम से पत्रकारों को बाहर किया गया

आरबीआई ने कहा- देश के एक-तिहाई एटीएम बेकार, बैंकों को दी कार्रवाई की चेतावनी

आंकड़ों का हवाला देकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा- बिहार में है 'मंगलराज'

पिनराई विजयन : ताड़ी उतारने वाले परिवार के बेटे का फर्श से अर्श तक का सियासी सफर

सलमान की फिल्म का ट्रेलर जारी, देखें कितना दमदार है 'सुल्तान'

यूपी : दर्जनों नि:संतान महिलाओं का यौन शोषण कर वीडियो बनाने का आरोपी स्वयंभू बाबा गिरफ्तार

अकेले एबीवीपी नहीं, राजनीतिक संबंध रखने वाले सभी संगठनों पर रोक : वीसी जम्मू यूनिवर्सिटी

असमिया में शपथ लेकर असम के मुख्यमंत्री बने सर्बानंद सोनोवाल

मायावती की मूर्तियों के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की तैयारी में बीएसपी समर्थक

केजरीवाल को अगर अनुकुल लगे तो वह मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं : प्रशांत भूषण

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻ENGLISH🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Check mahahsscboard.maharashtra.gov.in & mahresult.nic.in for Maharashtra Board Class 12 HSC results to be declared today on May 25, 2016

'Junglee' and Hindi cinema’s romance with the outdoors!

Abu Rashid, Mohammad Sajid in IS video planted bombs in 7/11 train blasts

Donate to aid the drought-struck residents of parched Marathwada

Arvind Kejriwal gives one week deadline to discoms to solve outages

Air ambulance crashes near Delhi, all 7 survive

Asian shares gain, dollar firm on Fed outlook

Japan PM Abe to meet with Obama, Cameron on Wednesday – source

No sign of EgyptAir plane technical problems before takeoff – sources

French Open 2016 roundup: Djokovic, Serena cruise as Kerber, Azarenka exit

After benefits of cheap oil, India counts cost of reduced Gulf remittances

Former Republican candidate Santorum endorses Trump for president

British voters evenly split ahead of EU referendum – YouGov poll

Stung by loss of secrecy at home, Swiss banks run into trouble in Asia

India's New Submarines May Come Without Torpedos. Here's Why.

China Warns Obama After Vietnam Arms Deal

Hinduism Not A Religion, There's No Book, No Papacy: Sadhguru

CCTV Footage Records A Theft In Navi Mumbai. Here's Why It Is A Shock

Donald Trump Takes Poll Lead Over Hillary Clinton

Hours After Sonowal Oath Ceremony, BJP forms Anti-Congress Bloc In Northeast

Obama Drop-In For Pork Soup Stuns Street Shop Owner

🌺🍃 बुद्ध पौर्णिमा 🍃🌺

🌺🍃   बुद्ध पौर्णिमा 🍃🌺

         शनिवार, दि. २१ मे, २०१६ रोजी बुद्ध पौर्णिमा आहे. ही पौर्णिमा मे महिन्यात येते. बुद्ध धम्माच्या अनुयायांसाठी ही सर्वात महत्त्वाची पौर्णिमा आहे. या पौर्णिमेला त्रिगुणी पौर्णिमा असे म्हणतात. याच पौर्णिमेला सिद्धार्थ गौतमाचा महामाया व राजा शुद्धोदन यांचा पुत्र म्हणून लुंबिनी वनातील शाल वृक्षाखाली जन्म झाला.
     महामाया ही मोठ्या लवाजम्यासह बाळंतपणासाठी आपल्या पित्याच्या घरी पालखीतून जात होती. सुंदर व मनोरम अशा लुंबिनी वनात जाताना महामायेच्या मनात तेथे काही वेळ थांबण्याची इच्छा निर्माण झाली. या वनात थांबली असताना व शाल वृक्षाची फांदी हातात धरली असताना तिने उभ्यानेच मुलाला जन्म दिला.
     डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी सिद्धार्थ गौतमाच्या जन्माचे अत्यंत सुंदर असे वर्णन "भगवान बुद्ध आणि त्यांचा धम्म" या ग्रंथात केले आहे. ते लिहितात : "पात्रातील तेलाप्रमाणे महामायेने दहा महिने बोधिसत्त्वाला आपल्या गर्भात धारण केले. तिचा प्रसूतीकाळ जवळ येऊ लागताच प्रसूतीसाठी आपल्या माहेरी जाण्याची तिने इच्छा व्यक्त केली. आपल्या पतीला ती म्हणाली, "माझ्या पित्याच्या देवदहनगरीला मी जाऊ इच्छिते." "तुझ्या इच्छेप्रमाणे होईल." राजाने उत्तर दिले. "सोन्याच्या पालखीत बसवून शुद्धोदनाने मोठ्या लवाजम्यासहित तिला तिच्या पित्याच्या घरी पाठविले. देवदहला जात असतांना मार्गात फुलांनी बहरलेल्या तसेच पुष्पविरहित अशा वृक्षांच्या आल्हाददायक गर्द वनराईतून महामायेला जावे लागणार होते. तेच लुंबिनी वन होय.
     लुंबिनी वनातून पालखी नेली जात असताना ते वन स्वर्गीय अशा चित्रलता वनाप्रमाणे किंवा एखाद्या महाप्रतापी राजाच्या स्वागतासाठी सुशोभित केलेल्या मंडपासारखे भासत होते. बुंध्यापासून फांद्यांच्या शेंड्यांपर्यंत तेथील वृक्ष फुलाफळांनी ओथंबलेले होते. त्यावर नानारंगांचे असंख्य भ्रमर चित्रविचित्र आवाजात गुंजारव करीत होते आणि निरनिराळ्या प्रकारचे पक्षीगण मंजुळ स्वरालाप काढीत होते. तेथील मनोरम दृश्य पाहून महामायेच्या मनात तेथे थांबून काही काळ क्रीडाविहार करण्याची इच्छा उत्पन्न झाली. म्हणून तिने पालखी वाहणा-या सेवकास आपली पालखी शालवृक्षाच्या कुंजात नेऊन उतरविण्यास व तेथे उभे राहण्यास सांगितले. महामाया पालखीतून उतरली व तेथील एका सुंदर शालवृक्षाच्या बुंध्यापाशी चालत गेली. त्या शालवृक्षाच्या फांद्या वा-याच्या झुळूकीने वर खाली हेलावत असलेल्या पाहून महामायेला त्यांपैकी एक फांदी हाताने धरावी असे वाटले. सुदैवाने एक फांदी सहजगत्या तिला धरता येईल एवढी खाली आली. इतक्यात ती आपल्या पायाच्या चवड्यावर उभी राहिली व तिने ती फांदी हाताने धरली. तेवढ्यात फांदी वर गेल्यामुळे झटक्याने महामाया वर उचलली गेली, आणि अशाप्रकारे हालल्यामुळे तिला प्रसूतीच्या वेदना होऊ लागल्या. शालवृक्षाची फांदी हातात धरली असताना उभ्यानेच तिने मुलाला जन्म दिला. त्या मुलाचा जन्म ख्रिस्तपूर्व ५६३ व्या वर्षी वैशाखी पौर्णिमेला झाला.
      शुद्धोदन व महामाया यांचा विवाह होऊन पुष्कळ वर्षे झाली होती. परंतु त्यांच्या पोटी संतान नव्हते. आणि म्हणून पुत्रप्राप्ती झाली तेव्हा शुद्धोदनाने व त्याच्या परिवाराने आणि सर्व शाक्यांनी पुत्रजन्माचा तो उत्सव मोठ्या हर्षोल्हासाने थाटामाटात साजरा केला.
       पुत्रजन्माच्या यावेळी कपिलवस्तूचे राजपद भूषविण्याची पाळी शुद्धोदनाची होती. अर्थातच त्यामुळे त्या बालकाला युवराज म्हणून संबोधण्यात येऊ लागले. याच वैशाखी पौर्णिमेला सिद्धार्थ गौतम हा वयाच्या ३५ व्या वर्षी गया येथे निरंजना नदीच्या काठी असलेल्या उरूवेला वनामध्ये पिंपळवृक्षाखाली बसला असताना बुद्ध झाला. सिद्धार्थ गौतमास वैशाखी पौर्णिमेच्या रात्री तिस-या प्रहरी दुःखमुक्तीचे ज्ञान प्राप्त झाले. त्याच्या मनातील अंधःकार पूर्णपणे दूर झाला व तो सम्यक संबुद्ध झाला. याच दिवशी सिद्धार्थ गौतमाला चार आर्यसत्यांची अनुभूती झाली. "भगवान बुद्ध आणि त्यांचा धम्म" या ग्रंथात डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी सिद्धार्थ गौतमाच्या बुद्ध बनण्याच्या प्रक्रियेचे सविस्तर विवेचन केलेले आहे.
      याच पौर्णिमेच्या दिवशी ख्रिस्तपूर्व ४८३ मध्ये वयाच्या ८० व्या वर्षी सिद्धार्थ गौतम बुद्धाचे मल्ल गणराज्याची राजधानी कुशीनारा येथील शाल वाटीकेत महापरिनिर्वाण झाले.
      या पौर्णिमेच्या रात्री तिस-या प्रहरी मनाच्या जागरूक अवस्थेत समाधीचा अभ्यास करताना गौतम बुद्धाचा मृत्यू झाला
      गौतम बुद्धाच्या जीवनात जन्म, बुद्धत्वप्राप्ती व महापरिनिर्वाण या तिन्ही घटना वैशाख पौर्णिमेच्या दिवशी घडल्या आहेत. निसर्गात दुर्मिळ अशाच या घटना आहेत. या तिन्ही घटना वैशाख पौर्णिमेला घडल्यामुळे या पौर्णिमेस त्रिगुणी पौर्णिमा असे म्हणतात.
      हा अत्यंत महत्त्वाचा सण आहे व तो आनंदाने आणि उत्साहाने साजरा केला पाहिजे. प्रत्येकाने आपले घर स्वच्छ केले पाहिजे, सजविले पाहिजे, गोडधोड करून इतरांना वाटले पाहिजे, मित्रांना व नातेवाईकांना आपल्या घरी आमंत्रित केले पाहिजे. मुलांसाठी नवीन कपडे केले पाहिजेत.
      अत्यंत महत्त्वाची गोष्ट म्हणजे या त्रिगुणी पौर्णिमेच्या दिवशी अष्टशीलाचे पालन केले पाहिजे. संपूर्ण बुद्ध विहारे व धम्म प्रशिक्षण संस्था यांनी धम्म कार्यक्रम आयोजित केले पाहिजेत. विहारे सजविली पाहिजेत. धम्म प्रवचने आयोजित केली पाहिजेत व मने उत्साहाने व आनंदाने ओतप्रोत भरलेली असली पाहिजेत.
     सणांच्या दिवशी मंगल, सुखी व आनंदी जीवन जगण्यासाठी प्रोत्साहीत करणा-या भूतकाळामध्ये घडलेल्या घटनांची स्मृती जपण्यासाठी सण साजरे केले जातात. सणांच्या दिवशीच्या भूतकाळातील घडामोडींपासून बोध घेऊन त्यानुसार स्वतःचे जीवन घडविण्यासाठी सण साजरे केले जातात.
      बुद्धाने आयुष्यभर शील, समाधी व प्रज्ञेचा मार्ग शिकविला. त्याने करूणा विकसित करण्याचा व समता, स्वातंत्र्य व बंधुत्व यावर आधारित जीवन जगण्याचा धडा लोकांना दिला. त्यामुळे प्रत्येक बुद्ध सणाच्या दिवशी शीलांचे काटेकोरपणे पालन करणे व काया, वाचा व मनाची आपली कृती निष्कलंक व कुशल राहील याची खबरदारी घेणे निकडीचे आहे. सर्व सणांच्या दिवशी प्रत्येकाचे वर्तन हे बुद्धाच्या शिकवणूकीशी सुसंगत असेच असले पाहिजे. या दिवशी धम्म प्रवचने, परिषदा, कार्यशाळा वेगवेगळ्या भागांमध्ये आयोजित केल्या पाहिजेत आणि लोकांनी धम्म शिकण्याचा प्रामाणिक प्रयत्न केला पाहिजे, जेणेकरून ते स्वतःच्या व इतरांच्या कल्याणासाठी धम्मानुचरण करतील.
     सर्व बारा पौर्णिमा बौद्धांचे सण आहेत. सिद्धार्थ गौतम बुद्धाच्या जीवनातील महत्वाच्या घटना पौर्णिमेच्या दिवशी घडलेल्या आहेत. बुद्ध धम्मात प्रत्येक पौर्णिमेला वेगळे असे महत्व आहे. या सर्व दिवशी उपोसथ म्हणजेच अष्टशीलाचे गांभीर्याने पालन केले पाहिजे. जेव्हा आपण प्रसन्नतेने अष्टशीलाचे पालन करतो, तेव्हा भूतकाळात त्या दिवशी घडलेल्या महत्वाच्या घटना शील व समाधीचा जास्तीत जास्त धैर्याने अभ्यास करण्याची प्रेरणा आपल्याला देत असतात. त्यामुळे प्रत्येक पौर्णिमेचे ऐतिहासिक महत्व समजून घेणे आवश्यक आहे.

(संदर्भ : आयु. श्याम तागडे IAS लिखित "बोधिसत्व आंबेडकरांचे बुद्ध धम्म मिशन" या ग्रंथातून)

🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥
क्रोधाला प्रेमाने,
पापाला सदाचरणाने,
लोभाला दानाने आणि असत्याला सत्याने जिंकता येते.
      - तथागत  भगवान गौतम बुद्ध
🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥

सर्वांना बुद्ध पौर्णिमेच्या मंगल सदिच्छा !!!
"सर्वांचे कल्याण होवो."
💐💐🙏🙏🙏💐💐

Monday, 23 May 2016

समता सैनिक दल ने किया बुद्ध हो नमन




पंकजा मुंढे म्हणतात, बुद्ध विष्णूचा ननवा अवतार

पंकजा मुंढे म्हणतात, बुद्ध विष्णूचा ननवा अवतार

मुंबई वरळी येथे बैनर लावला आहे. बैनर लावणाऱ्या भिमसैनिकांना माझा क्रांन्तिकारी जयभिम सर्व मागास वर्गीयाना विचार करण्यास भाग पाड़नारा बैनर जबरदस्त 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻


अनेक वर्षा पासून बोलल जातंय कि बुद्ध विष्णूचा ननवा अवतार आहे तर मग त्यां सगळ्यान साठी त्याच बुद्धा च्या उपासका कडून दिलेली हि चरकाप आहे

रून
मंदिराची विहार करना
तुमच्या सगळ्याच मंदिराची विहार करना

इथे जीवनाचा शुद्ध आचारणाचा मार्ग शिकावला जातो
म्हणून विश्वात सगळ्या आधी बुद्ध वंदला जातो
चमत्कार आणि फसवेगिरी चा मणका इथेच उभा मोडला जातो
बुद्धा च्या विहारी माणूस वि आय पी नव्हे तर
समान रांगेत धरला जातो
आसा कोणीच नाही बुद्धा परी भगवंत जो विना शास्त्रा चा अंगुली आणि नालागिरी वर मारसेने वर करुणा आणि सम्यक बुद्धीने विजय मिळवतो
म्हणून प्रथम विष्णू च्या या नवव्या आवताराला बाबासाहेबांच्या प्रतिमे समोर स्विकाराना

सगळे देव साईटला सारून
मंदिराची विहार करना
तुमच्या सगळ्याच मंदिराची विहार करना

बुद्ध कोणाला ला मारत नाही
कृती दैत्य असलेला माणूस बुद्ध समोर आल्यावर तोही बुद्ध झाल्या शिवाय राहत नाही
बुद्ध कोपत नाही खना नारळाची ओटी आणि कोंबड्या बैल बकऱ्याची आहोती मागत नाही आहो भारतात तुम्ही नववा अवतार म्हणून हि दुर्लक्षित केलं पण श्रीलंका देखील सोन्या बुद्ध प्रत्येक  विहारी उभा करते आणि दिसत नाही भारता कडे पाय करून झोपताना

सगळे देव साईटला सारून
मंदिराची विहार करना
तुमच्या सगळ्याच मंदिराची विहार करना


बुद्ध खरच विष्णूचा ननवा अवतार आहे ना मग एवढाच कराना
सगळे देव साईटला सारून
मंदिराची विहार करना
तुमच्या सगळ्याच मंदिराची विहार करना

कवी :- योगेश प्रकाश मोहिते

गौतम बुध्द संदेश !!!

१) माझा जन्म कोठे व्हावा, कोणत्या जाती धर्मात व्हावा, आई वडील कसे असावेत, हे माझ्या हाती नव्हते, त्यामुळे त्याबद्दल तक्रार करत बसण्या ऐवजी मी निसर्गाने मला दिलेल्या क्षमतांचा सकारात्मक वापर करून माझे जीवन नक्कीच सुखी करू शकतो.
---------  गौतम बुध्द .

२) मी स्त्री व्हावे की पुरूष, काळा की गोरा, माझ्या शरिराची ठेवण, सर्व अवयव ठिकठाक असणे, हे देखील माझ्या हाती नव्हते. मात्र जे काही मिळालेय त्याची निगा राखणे, योग्य ती काळजी घेणे, हे माझ्या हाती आहे.
 --------- गौतम बुध्द .

३) माझ्या आई वडिलांची सांपत्तिक स्थिती, सामाजिक स्थान, त्यांचा स्वभाव, हे देखील माझ्या हाती नव्हते. त्यामुळे ते कसेही असले तरी त्यांचे माझ्यावर प्रेम आहे हे मी सदैव लक्षात ठेवावे.
--------- गौतम  बुध्द

४) सगळ्यांनाच सगळी सुखं मिळत नाहीत. हा निसर्गाचा नियम आहे. त्यामुळे माझ्या आयुष्यात देखील काही दु:खं असणारच आहेत. ती दु:खं कोणती असावीत हे देखील ठरवण्याचा माझा अधिकार नाही. त्यामुळे माझ्या दु:खांचे भांडवल न करता, मी त्या दु:खांचे निराकरण करण्यासाठी सकारात्मक प्रयत्न करत राहीन.
 --------- गौतम बुध्द .

५) माझ्या आसपास असलेल्या लोकांनी, माझ्या संपर्कात येणाऱ्या लोकांनी, माझ्याशी कसे वागावे हे मी ठरवणे माझ्या हाती नसले, तरी मी त्यांच्याशी प्रेमपूर्वक वर्तन करणे नक्कीच माझ्या हाती आहे. संयम, मृदु भाषा, मंगल कामना हे माझ्या हाती आहे.
--------- गौतम बुध्द  .

६) माझ्या आयुष्यात घडणाऱ्या घटना, परिस्थिती, यावर माझे अनेकदा नियंत्रण नसते. मात्र त्या वेळी सकारात्मक विचार अन् योग्य वर्तन नक्कीच माझ्या हाती आहे.
---------  गौतम बुध्द  .

७) हे विश्व मी निर्माण केलेले नाही. किंवा हे विश्व कसे असले पाहिजे, या माझ्या मताला देखील काही किंमत नाही. तेव्हा, हे असे का? ते तसे का? असे का नाही? वगैरे प्रश्न विचारत राहून वैतागण्या ऎवजी, जे चूक आहे, अयोग्य आहे, ते किमान मी तरी करणार नाही हे मला ठरवता येईल. हे ही नसे थोडके!
---------  गौतम बुध्द  .

८) कधीतरी मला कोणत्या तरी प्रकारचे दु:ख मिळणार आहे याची जाणीव ठेवून, मी माझ्या आसपासच्या दु:खी माणसांची जमेल तशी मदत केली पाहिजे.
--------- गौतम बुध्द .

९) आज जरी यश, सुख, समृद्धी माझ्या पायाशी लोळण घेत असली, तरी उद्या अथवा केव्हाही हे सर्व नष्ट होऊ शकते याची सतत जाणीव ठेवून, मी अहंकाराला दूर ठेवले पाहिजे.
---------  गौतम बुध्द

१०) मला जे मिळू शकले नाही, त्याबाबत दु:ख करत रहाण्या ऐवजी, जे काही मिळाले आहे, त्या बाबत मी आभारी असले पाहिजे. जग अधिक चांगले, सुंदर करण्यासाठी हातभार  लावण्याची संधी मला जेव्हा जेव्हा मिळेल, तेव्हा ती संधी मी गमावता कामा नये.
---------  गौतम बुध्द .

Wednesday, 18 May 2016

कोणत्याही वाहनाची माहीती व्हावी..त्या वाहनाचे मालक व इतर पत्ता सहज कळण्यासाठी..

कोणत्याही वाहनाची माहीती व्हावी..त्या वाहनाचे मालक व इतर पत्ता सहज कळण्यासाठी..
sms..VAHAN space क्रमांक लिहुन 7738299899 या क्रमांक ला पाठवा व एका सेकंदात पूर्ण माहीती मिळवा...
"VAHAN space Vehical no"

उदाहरण
VAHAN MH23AG7743

मिळालेली माहिती
MH23AG7743 [BEED,MH]
Owner:1-KHANDE SHANKAR VITHAL
Vehicle:UNICORN(PETROL)
MCYL MOTOR CYCLE
RC/FC Expiry:03-Dec-28
MV Tax upto:(LifeTime)

कदाचित,
उद्या कुणाला 2nd Hand गाडी घ्यायची असली तर गाडीचा खरा मालक कोण हे कळेल,

किंवा एखाद्या अपघातात गाडी कोणाची आहे हे कळेल
देवेन्द्र फडणवीस सरकार चा सुंदर उपक्रम 🌷🙏                                    
तुम्ही  स्वत:च्या गाडीचा नंबर टाकुन बघा..

मी जयभिम घेताच तुले मोठा राग आला

मी जयभिम घेताच
तुले मोठा राग आला
दोन वर्ग शिकला नसनं
पण मोठा माज आला ......
        पडुन होता पोयट्यासारखा
         घोंगवत होत्या माशा
          नवता कपडा आंगावर
           खराब होती दशा
आरक्षणच्या मात्यावर
खुप मोठा साहेब झाला
     अन् मी जयभिम घेताच
     तुले मोठा राग आला......
खुप होत्या पोथ्या
अन् खुप होते देव
दररोज वात लावुन
म्हणे मले सुखी ठेव
    पहील्या वर्गापासुन
     खुप सवलत घेत आला.....
अन् मी जयभिम घेताच
तुले मोठा राग आला........
     नवतं त्याच्या पिढीत
    कधी कुणी शिकल
    वावरात नारळ फोडुन
     कधी नाही पिकल
बांधावरच पाणी
दिमाखान घेत आला.....
      अन् मी जयभिम घेताच
      तुले मोठा राग आला.....
ज्यान केला राग त्याचा
त्याच्या माग धावला
त्याच्या सांगण्यावरुन
फोटो नाही लावला
           त्याच जड पारड
            तु हलक करत आला...
       अन् मी जयभिम घेताच
       तुले मोठा राग आला.....
तुले नवत माहीत
तु आहे कोण
कायदयाच्या नावान
करत हात दोन
        तु आता कायदा
        लोकाले सांगत आला......
अन् मी जयभिम घेताच
तुले मोठा राग आला .....
       नाही आपली अक्कल
       भिमावानी केली
       त्याच्या एवढ शिकाव
       हिम्मत नाही केली
दम नाही रक्तात
पण जातीभेद करत आला.....
           अन् मी जयभिम घेताच
           तुले मोठा राग आला......
आतातरी सुधर
सोड आता गर्व
धर्मग्रंथाच्या नावान
करुन दाखव सर्व
    माहीत असुन तुले
   मस्त नाटक करत आला ......
          अन् मी जयभिम घेताच
         तुले मोठा राग आला ......

................

       -महाकवी नामदेव ढसाळ⁠⁠⁠⁠

🌟🌟 भीम संदेश 🌟🌟

“ जिसे अपने दुखों से मुक्ति चाहिए
   उसे लड़ना होगा और जिसे लड़ना है
   उसे पहले पढ़ना होगा क्योंकि
   ज्ञान के बिना लड़ने गए तो हार
   निश्चित है |”
   डॉ . बाबासाहेब आंबेडकर

घरी असतांना सर्व कार्य आटोपल्यावर शांततेत निवांत वाचा. खरोखर छान वाटेल...

घरी असतांना सर्व कार्य आटोपल्यावर शांततेत निवांत वाचा. खरोखर छान वाटेल...

👍🏼 कुणाच्या सांगण्यावरुन

आपल्या मनात एखाद्या

 व्यक्तीबाबत चांगले वा वाईट

 मत बनवण्यापेक्षा, आपण

स्वतः चार पावले चालुन

समोरासमोर त्या व्यक्तीशी

संवाद साधुन मगच खात्री

करा.

नाती जपण्यासाठी
   
संवाद आवश्यक आहे ...

 बोलताना शब्दांची उंची

 वाढवा आवाजाची उंची

नाही.

कारण..    पडणाऱ्या

 पावसामुळे शेती पिकते,

 विजांच्या कडकडाटामुळे

 नाही..आणि वाहतो तो झरा

असतो आणि थांबतं ते डबकं

असतं..डबक्यावर डास

 येतात आणि झऱ्यावर

 राजहंस!!  
 निवड आपली आहे.."
 
कुणा वाचून कुणाचे काहीच

 आडत नाही हे जरी खरे

 असले तरी कोण कधी

 उपयोगी पडेल हे सांगता येत

 नाही.

डोक शांत असेल तर निर्णय

 चुकत नाहीत,

अन्...

भाषा गोड असेल तर माणसं

 तुटत नाहीत.

अगर ...

एक हारा हुआ इंसान

हारने के बाद भी मुस्करा दे !

तो जितने वाला भी

जीत की खुशी खो देता हैं।

ये है मुस्कान की ताकत ...

 जपून टाक पाउल ...

इथे प्रत्येक वाट आपली नसते

 जपून ठेव विश्वास ...

इथे प्रत्येक माणुस आपला

 नसतो जपून घे निर्णय .

इथे प्रत्येक पर्याय

 आपला नसतो

जे भांडल्यावर आधी क्षमा

 मागतात, त्यांची चुक असते

 म्हणून नव्हे,तर त्यांना

 आपल्या माणसांची पर्वा

 असते म्हणून...

जे तुम्हाला मदत करायला

 पुढे सरसावतात ते तुमचे

 काही देणे लागतात म्हणून

 नव्हे, तर ते तुम्हाला आपलं

 मानतात म्हणुन..!
   
मोर नाचताना सुद्धा रडतो...

 आणि...

राजहंस मरताना सुद्धा

 गातो...

दुःखाच्या रात्री झोप

 कुणालाच लागत नाही...

आणि

सुखाच्या आनंदात कुणीही

 झोपत नाही.

यालाच जीवन म्हणतात.

किती दिवसाचे आयुष्य

 असते?

आजचे अस्तित्व उद्या नसते,

मग जगावे ते हसून-खेळून

कारण या जगात उद्या काय

 होईल

ते कोणालाच माहित नसते...

म्हणुन आनंदी रहा...

Tuesday, 17 May 2016

विकी ढेपे याच्यावरिल भ्याड हल्ल्याच्या निषेधार्थ भिवंडी बंद ठेवण्यात आली व त्यासाठी काढलेला विशाल मोर्चा




Date: 17-05-16 󾓹सकाळच्या हेडलाईन्सवर एक नजर󾠟 ( 🇮󾓭 Gooood Morning INDIA 🇮󾓭 ) 󾍛󾍛󾍛󾍛मराठी󾍛󾍛󾍛󾍛

Date: 17-05-16

󾓹सकाळच्या हेडलाईन्सवर एक नजर󾠟
( 🇮󾓭 Gooood Morning INDIA 🇮󾓭 )
󾍛󾍛󾍛󾍛मराठी󾍛󾍛󾍛󾍛

लाचखोर पाटील तीन महिन्यांपासून ACB च्या रडारवर होता- मुख्यमंत्री

आनंदीबेन यांना हटवण्‍याची चर्चा, नितीन पटेल होऊ शकतात गुजरातचे मुख्‍यमंत्री

घरात मौल्यवान सामान ठेवू नका, पोलिस महासंचालक प्रवीण दीक्षितांचा जनतेला अनाहूत सल्ला

पुण्यातील कोरेगाव पार्कातील उच्चभ्रू वस्तीत वेश्या व्यवसाय रॅकेट, नागरिक त्रस्त

IRCTC ची नवी ऑफर, प्रीपेड फूड ऑर्डरवर 50 टक्के कॅशबॅक

#मालेगावस्फोट: मुस्लिम 'जुम्म्या'ला मशिदीत हल्ला कसा करेल? : शरद पवार

राज्य सरकारचे प्रयत्न सुरु, पण विद्यार्थ्यांनीही 'नीट'साठी तयार रहावं: मुख्यमंत्री

मुंबईत मद्यपी पोलिसांचा धिंगाणा, तृतीयपंथियांशी अश्लील वर्तन video viral

करकरेंना सलाम, पण त्यांचा मालेगाव स्फोटाचा तपास सदोष : सामना

गृहमंत्रिपद सांभाळणं हा पार्ट टाईम जॉब नाही, तृप्ती देसाईंचा मुख्यमंत्र्यांवर निशाणा

दोघांतली कुस्ती जो जिंकेल त्याला रिओला पाठवा, नरसिंग यादवविरोधात सुशीलकुमारचा शड्डू

शेतकरी आणि ग्राहक यांना थेट जोडणारं अॅप विकसित

इचलकरंजीत दारुबंदीसाठी महिलांचं आंदोलन, बाचाबाची करणाऱ्या दारुड्यांना लाटण्यांनी चोप

भारतात तब्बल 400 कोटी रुपयांच्या नकली नोटा चलनात!

एक्झिट पोल : आसाममध्ये भाजपला संधी, बंगालमध्ये ममता

तोगडियांच्या पुतण्याचा खून: 33 सेकंदात तिघांना भोसकले, महिलेने रचले षडयंत्र

अामदारकी, कॅबिनेट द्या नाहीतर बघून घेऊ- आठवले यांचा भाजपला इशारा

टी-२० : बंगळुरूची कोलकात्यावर मात; गेल, कोहली, डिव्हिलर्स चमकले

गुजरात: 30 सेकंदात 3 कोटी रुपये उडवणाऱ्या BJP खासदार पडल्या नाल्यात

दोषी आढळल्यास खुर्ची सोडेन - एकनाथ खडसे

'नीट' ची अमलबावणी पुढल्या वर्षापासून यंदा सीईटीनुसारच प्रवेश

Exit Polls: आसाममध्‍ये BJP पुढे, ईशान्य भारतात स्थापन करु शकते पहिले सरकार

󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻हिंदी󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻

Exit Poll 2016: तामिलनाडु, केरल और पांडुचेरी में होगा सत्ता परिवर्तन

इंडिया टूडे Exit Poll: असम में भाजपा, तमिलनाडु में करुणानिधि और बंगाल में दीदी की वापसी

पश्चिम बंगाल में एकबार फिर से ममता दीदी की सरकार: Exit poll

असम में पहली बार भाजपा की सरकार, कांग्रेस का सफाया: EXIT POLL

Assam Exit Poll 2016: असम में आयेंगे चौंकाने वाले नतीजे

ज्‍यादा सैनिकों की तैनाती वाली अमेरिकी रिपोर्ट पर चीन ने लगाई लताड़

रहाणे बोले मैं अपनी बल्लेबाजी से संतुष्ट, नहीं करता किसी को कॉपी

KKR vs RCB: बेंगलुरु की एक और बड़ी जीत, कोलकाता को 9 विकेट से हराया

आनंदीबेन को हटाने की चर्चा, नितिन पटेल हो सकते हैं गुजरात के अगले CM

MP : इस लड़की ने पैरों से लिखे थे एग्जाम पेपर, 1st डिवीजन से हुई पास

मुंबई : भारत आना चाहते हैं माल्या, बोर्ड मीटिंग में कहा - सारे लोन चुका दूंगा

CONTROVERSY: 'अजहर' में शास्त्री को दिखाया अय्याश क्रिकेटर?

पेट्रोल, डीजल फिर हुआ महंगा

जयललिता-करूणानिधि समेत तमिल के सुपरस्टार रजनीकांत ने भी डाला वोट

तेलंगाना में लू से 300 लोगों की मौत

जामनगर (गुजरात): पूनम की हालत खतरे से बाहर, मुंबई ले जाया गया

माल्या को वापस लाने के लिए एजेंसियां हर तरह का कदम उठाएंगी: जेटली

जालंधर: धार्मिक संगठन से जुड़ा था नेता, SEX रैकेट के लिए करता लड़कियां सप्लाई

तोगड़िया के भतीजे का मर्डर: 50 लाख रु का मामला, साजिश में महिला का हाथ

भारत के मिसाइल टेस्ट से बौखलाया PAK, रीजन में पावर बैलेंस को लेकर परेशान

मोदी पर किया राहुल महाजन का TWEET हुआ VIRAL, क्या पॉलिटिक्स में लेंगे एंट्री

󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻हिंदी󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻󾍛🏻

Gangster kills Major’s dad, brother in Sonipat

Five dalits choke to death in well in Jind

IAF chief to fly in ‘troubled’ Tejas

1 toothbrush for 49 kids: State of govt homes

Two years after mom, son tops Class X in Mathura

Banks seek govt's cover to reach deal with Mallya

Gujarat CM on her way out? No, says BJP

Pathankot handler was freed by UPA in 2010

BJP unseats Cong in Assam, LDF in Kerala; Mamata retains WB: Exit Polls

Sikkim Sewa Ratna conferred on 42nd State Day

Former HP CM Dhumal accuses govt of wreaking political

Life imprisonment to youth for killing mother

Vaiphei sworn in as acting CJ of Tripura High Court

Kohli, De Villiers show keeps RCB alive in IPL 9

Maharashtra seeks deferment from NEET for one year

First in history EC deferred polls due to use of money power

Manmohan Desai and Hindi cinema’s secularism!

Petrol and diesel prices hiked after polls get over

West Bengal elections 2016: TMC happy at exit poll result, Left-Congress confident of success

Assam elections 2016: Tarun Gogoi not deterred by exit polls projection

Panama Papers: In talks with India for a bilateral tax information exchange agreement, says Panama

Banks may need additional Rs 1 trillion to create ceiling on borrowing by large corporates

RBI designates 29 banks for people to pay their I-T dues besides its own office

एक व्यक्ती ने तथागत बुद्ध से पुछा...

एक व्यक्ती ने  तथागत बुद्ध से पुछा...

आनंदउत्सव  करने का बेहतरीन दिन कौन सा है?

बुद्ध ने प्यार से कहा..

मौत से एक दिन पहले...

व्यक्ति-

मौत का तो कोई वक्त नहीं..!

तथागत बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा..


तो जिंदगी का हर दिन आखरी समझो... और आनंदउत्सव करो...!!

Monday, 16 May 2016

बुध्द आणि त्यांचा धम्म ***************** प्रथम खंडः भाग पहिला ( पोस्ट नं 1 ) भाग पहीला जन्मापासुन परिव्रज्येपर्यत

*****************
बुध्द आणि त्यांचा धम्म
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प्रथम खंडः भाग पहिला

( पोस्ट नं 1 )

भाग पहीला
जन्मापासुन परिव्रज्येपर्यत
************************
1) कुळ
 ********
1) ख्रिस्तपुर्व सहाव्या शतकात उत्तर भारतात सार्वभौम असे एक राज्य नव्हते .

2) सबंध देश निरनिराळ्या अनेक लहानमोठ्या राज्यात विभागला गेला होता . त्यापैकी काही राज्यावर एका राज्याची सत्ता होती .तर काहीवर एका राजाची सत्ता नव्हती .

3) राजाची सत्ता असलेली राज्ये संख्येने एकुण सोळा होती .त्यांची नावे अंग ,मगध 'काशी ,कोशल, व्रर्जी, मल्ल, चेदी ,वत्स,कुरु पांचाळ, मत्सय, सौरसेन, अश्मक, अवंती, गांधार, आणि कंबोज ही होत .

4) ज्या राज्यांवर राजाची अधिसत्ता नव्हती ती ही होत कपिलवस्तुचे शाक्य, पावा, व कुशीनारा येथील मल्ल , वैशालीचे लिच्छवी मिथिलेचे विदेह , रामग्रामचे कोलिय , अल्लकपचे बळी , रेसपुत्तचे कलिंग , पिप्पलवनाचे मोर्य आणि ज्यांची राजधानी सिसुमारगिरी होती ते भग्ग

 5) ज्या राज्यावर राजाची सत्ता होती त्या राज्यांना जनपद म्हणत व ज्यावर राजाची सत्ता नव्हती त्या त्या राज्यांना '  संघ ' किंवा
 ' गणराज्य ' असे म्हणत असत .

6) कपिलवस्तु येथील शाक्यांच्या शासनपध्दतीविषयी विशेष अशी माहीती मिळत नाही या राज्याची शासनव्यवस्था प्रजासत्ताक होती कि त्यावर विशिष्ठ लोकांची सत्ता होती ते समजत नाही

7) तथापि हे माञ निश्चित की, शाक्याच्या गणतंञ राज्यात अनेक राजवंश होते व ते आळीपाळीने राजसत्ता चालवीत होते .

8) अशा प्रकारे राजसत्ता चालविणारया राजघराण्यांच्या प्रमुखाला '  राजा ' अशी संज्ञा होती

9) सिध्दार्थ गौतमाच्या जन्माच्या वेळी राजपद धारण करण्याची पाळी शुध्दोधनाची होती .

10) शाक्यांचे राज्य भारतवर्षाच्या ईशान्य कोपरयात वसले होते .ते एक स्वतञ राज्य होते,. परंतु कालातंराने कोशल देशाच्या शाक्यांवर आपले आधिपत्य प्रस्थापित करण्यात यश मिळविले .

11) कोशलाधिपतीच्या अधिसत्तेमुळे शाक्यांना कोशल राजाच्या अनुज्ञेखेरीज आपल्या राजसत्तेचे काही अधिकार वापरणे अशक्य झाले होते

12) तत्कालीन राज्यांत कोशलराज्य हे एक सामर्थ्यशाली राज्य होते . मगधाचेही राज्य तसेच प्रबळ होते . कोशल देशाचा राजा पसेनदी ( प्रसेनजित ) व मगध देशाचा राजा बिंबिसार हे सिध्दार्थ गौतमाचे समकालीन होते.

प्रत्येक रविवारी बुध्द विहारात सकाळी गेलेच पाहिजे.
      विश्वरत्न डाँ बाबासाहेब आंबेडकर

"तुम्ही स्वतः"

एका बहुचर्चित वक्त्याने हातात ५०० रुपयांची नोट
हलवत आपल्या कार्यक्रमाची सुरुवात केली.
सभागृहात बसलेल्या शेकडो लोकांना त्यानं
विचारलं की,
“ही ५०० रुपयांची नोट कोणाला हवी आहे?”
सर्वांनी हात वर केला. त्यानंतर तो म्हणाला,
“मी ही नोट तुमच्यापैकी कोणातरी एकालाच देईन.
पण त्यापूर्वी मला हे करू द्या.”
आणि त्याने त्या नोटेला आपल्या मुठीत
चुरगळण्यास सुरुवात केली आणि मग त्यानं विचारलं,
“कोण आहे ज्याला अजूनही ही नोट हवी आहे?”
अजूनही लोकांचे हात वर येत होते. “बरं!” तो
म्हणाला,
“जर मी ही नोट पायाने चुरगळली तर किती जण ही
नोट घेतील?”
यावेळी मात्र त्या नोटेची अवस्था बिकट झाली
होती. ती खूपच मळकटली आणि चुरगळली होती,
तरीही अनेक लोकांनी हात वर केला.
मित्रांनो,
आज तुम्ही अत्यंत महत्त्वाचा धडा घेतला आहे. मी
या नोटेबरोबर इतका वाईट व्यवहार केला,
तरीही तुम्ही या नोटेला घेऊ इच्छिता. कारण हे
सगळं होऊनदेखील या नोटेची किंमत कमी झालेली
नाही. तिची किंमंत अजूनही पाचशे रुपयेच आहे.
आयुष्यात कित्येक वेळा आपण पडतो, आपल्यासाठी
आपण घेतलेले निर्णय आपल्याला जमिनीवर
पाडतात. आपल्याला असं वाटू लागतं की, आपली
काहीच किंमत नाही. पण भलेही तुमच्याबरोबर
काहीही झालं असेल किंवा भविष्यात होणार
असेल तरी देखील तुमची किंमत कमी होत नाही.
तुमच जीवन कितीही चुरगळलेल असू दे पण जीवनाची
घडी नीट घाला.
तुम्ही विशेष आहात हे कधीच विसरू नका. आपल्या
भूतकाळात घडलेल्या वाईट गोष्टींमुळे आपल्या
भविष्यात होणाऱ्या चांगल्या गोष्टींवर परिणाम
होऊ देऊ नका.
स्वत: घेतलेल्या निर्णयाशी स्वत:चीच हार होऊ देवू
नका,
पुर्ण मेहनत करत चला, वेळ लागेल, तुम्ही नक्कीच
जिकंणार,
फक्त करून दाखवा, जग तुम्हाला जिकंताना
बघायला तयार आहे.
फक्त संयम ठेवा, लक्षात ठेवा,
तुमच्याकडे सर्वांत मौल्यवान जर कोणती गोष्ट
असेल तर ती म्हणजे "तुम्ही स्वतः" आणि तुमचा
तुमच्यावरच असलेला विश्वास..
👍👍👍👍👍👍

अहो सैराट पाहुन पिढी बिघडनार असेल तर.....

मला सांगा......
राजा हरीश्चंद्र पाहुन किती लोक सत्यवादी झाले...?
रंग दे बंसती पाहुन किती क्रांतिकारी झाले.....?
लोकमान्य पाहुन किती टिळकांसारखे देशभक्त झाले....?
तानी पाहुन किती मुली कलेक्टर झाल्या....?
सिंघम पाहुन किती पोरं आयपीएस झाले...?

काहुन डोक्याच दही करता राव.
मुकाट्यानं जा पिक्चर पाहा.पॉपकॉर्न खा.बिसलेरी प्या अन् घरी या.
हा समाज कधीच किर्तनानं सुधरला नाही आन् तमाश्यान बिघडला नाही.

जर समजा सैराटमुळे समाज बिघडलाच तर याचा अर्थ असा की आम्ही चित्रपटातुन फक्त वाईटच घेतो.

*बा...,*

*बा...,*

लोक म्हणायचीत
बा ला दारुडा
सडला लिव्हर अन् मेला
पर त्याच त्यालाच
दुःख माहीत
का पीत होता तो एवढा

बा च
कामच होतं असं
गटारातलं मैल काढायचं
तुम्हीच सांगा
माझ्या बा नं
कसं
न पिता काम करायचं

पोटाच्या त्या
खळगी पाई
दिसरात
कामात जुपायचा
शरीराचं दुःखनं
घालवाया
त्यो कायम
नशेत आसायचा

पण
खरं सांगतो तुम्हाला
माझा बा
लय मोठ्या दिलाचा
कितीबी रोज पिला
तरी
न विसरता
खायला आणायचा

लोक म्हणायचीत
जरी बा दारुडा
तरी कष्टानं घर
त्यानं उभारलं
पर
आमचं सुख बघायला
त्याला आयुष्य कमी पुरलं
पर
आमचं सुख बघायला
त्याला आयुष्य कमी पुरलं.!

*✍रवींद्र कांबळे 9112143360*

Friday, 13 May 2016

"सैराटच्या तर्राट प्रतिक्रियांबद्दल.." --- ✍🏼संजय गगे खरीडकर

"सैराटच्या तर्राट प्रतिक्रियांबद्दल.."
                         ✍🏼संजय गगे खरीडकर
                           मु.पो.खरीड (ठाणे)
                               ७०८३९३७९६८

      काल "सैराट" पाहिला आणि मन सुन्न झालं.....
      चित्रपट पाहण्याअगोदरच अवघ्या "मानव जातीला" ( एकवेळ दगडाच्या काळजाची ठिक आहेत, पण प्रिंन्सच्या काळजाची माणसं सोडून ) विचार करायला लावणार्‍या "सैराट"मध्ये ना कुणाच्या अंगावर कमी कपडे, ना प्रेमाचा उघडा-नागडा रोमान्स, ना अश्लीलता, ना कुठली फालतुगिरी, प्रेक्षकांना उगाचंच खुश करावं म्हणून ना कुठल्याच सीनमध्ये अतिशयोक्ती..... अख्ख्या चित्रपटात पहायला मिळाला तो गावाकडचा बाज अस्सल गावरानपणा (गावढंळपणा नाही), ज्यात कुठेही खोटेपणाचा थोडासुद्धा लवलेश नाही.....
     नागराज मंजुळेंने अलगद अन् हळूवारपणे मांडल्या त्या "कुमारावस्थेतील प्रत्येकाच्याच भावना" अन् दाखवला विशिष्ट वर्गाचा मुजोरपणा.....
चित्रपटात कुठल्याही सीनवर आॅब्जेक्शन घ्यावा, असं काहीच नाही..... काहीच नाही.....
    नाही म्हणायला, अजूनही डोकं बधीर करुन ठेवलंय त्या चित्रपटाच्या तीस सेकंदांच्या शेवटानं,
"ना कुठला संवाद, ना कुठलं संगीत.....
फक्त पहायला मिळाली ती रक्तानं माखलेली निरागस पावले, जी जातीयतेच्या नावाने बळी पडली होती.....
विचार करुनही सांगता येत नाही की, "बळी पडलेल्या त्या निरागस पावलांची जात कोणती होती...?? आणि बळी घेणाऱ्या त्या जातीची व्यवस्था कोणती होती..???"
       मी चित्रपटाविषयी मांडलेल्या कुणाच्याही प्रतिक्रियेवर काही टिप्पणी देण्याअगोदरच या ठिकाणी एक गोष्ट आवर्जून लक्षात आणून देऊ इच्छितो की "रिंकू जरी रियल लाईफमध्ये इयत्ता ९ वीत शिकत असली तरी चित्रपटात कथानकाच्या आवश्यकतेनुसार आर्ची, परशा अन् इतर पात्रे सिनियर काँलेजमध्ये F.Y. च्या वर्गात शिकत आहेत. की ज्या वयात कुणालाही प्रेम होणे स्वाभाविकच काय नैसर्गिक आहे. अन् महत्त्वाचं म्हणजे "चित्रपट हे संस्कारांचे घर नाही."
          आता किव कराविशी वाटते, ती चित्रपट न पाहताच अन् पाहूनदेखील "बाल-संस्काराच्या अन् समाजातील संस्कृतीच्या नावानं चित्रपटावर ताशेरे ओढणाऱ्यांची आणि त्यांची बुद्धीची..!!!"
    मला तर वाटतंय "अशा लोकांची एकतर "फँड्री अन सैराट"सारखे चित्रपट पाहण्याची लायकीच नाही" किंवा "देवानं यांना घडवतांना सैराटमधील "प्रिंन्सपेक्षा कठीण काळजाचं" बनवलं असणारं..!"
"काय तर म्हणे आई-बापानं तळहाताच्या फोडाप्रमाणे जपलेल्या आर्चीला पळून जाऊन प्रेम करायला शोभलं का..? सैराट पाहून म्हणे समाजातील मुलींनी असेच धंदे करावेत का..?? चित्रपटातून कोणते संस्कार घ्यावेत.??"
              नाही म्हणायला, प्रत्येक गोष्टीवर आपापलं मत मांडण्याचा अधिकार प्रत्येकालाच आहे. पण "कुणी जर प्रिंससारखं दगडाचं काळीज घेऊन समाजात वावरत असेल, तर त्यांनी मग स्वतःच्या कुमारावस्थेतील "परशा"ला  वाव देतांना एकदा नाही, तर हजारदा विचार करावा..... आणि ज्यांना चित्रपट पाहून आपल्या पोटी "आर्ची" जन्माला येण्याच्या भितीपोटी सैराटमधील काही खटकत असेल, तर त्यांनी आपलं स्वताचं काॅलेज जीवन तपासून पहावं..... अन् ज्यांच्या आयुष्यात काॅलेज जीवनच आले नसेल तर त्यांनी आपली स्वतःची कुमारावस्था तपासून पहावी..... की त्यावेळी आपल्या मनात कुणी आर्ची किंवा परशा तर डोकावत नव्हती..? किंवा त्यावेळी आपण कोणासाठी लंगडा अन् सलीम तर झालो नव्हतो??"
         सरतेशेवटी मी एवढंच म्हणेन की, सनी लियोन अन् शाहरुखसारख्या फडतूस कलाकारांचे फडतूस चित्रपट दाखवण्यापेक्षा आपल्या मुलांना "सैराट" दाखवा, एकतर "प्रिंसच्या भीतीपोटी आर्ची अन् परशा जन्माला येणार नाही" किंवा "रक्तात माखलेल्या निरागस पावलांना पाहून प्रिंस तरी जन्माला येणार नाही..!!!"

( लेखकदेखील एका मुलीचा बाप आहे. )
( संवेदना, ९१३०३३७९६८ )

जानिए भारतीय संविधान में धाराओ का मतलब .....

धारा 307 = हत्या की कोशिश
धारा 302 =हत्या का दंड
धारा 376 = बलात्कार
धारा 395 = डकैती
धारा 377= अप्राकृतिक कृत्य
धारा 396= डकैती के दौरान हत्या
धारा 120= षडयंत्र रचना
धारा 365= अपहरण
धारा 201= सबूत मिटाना
धारा 34= सामान आशय
धारा 412= छीनाझपटी
धारा 378= चोरी
धारा 141=विधिविरुद्ध जमाव
धारा 191= मिथ्यासाक्ष्य देना
धारा 300= हत्या करना
धारा 309= आत्महत्या की कोशिश
धारा 310= ठगी करना
धारा 312= गर्भपात करना
धारा 351= हमला करना
धारा 354= स्त्री लज्जाभंग
धारा 362= अपहरण
धारा 415= छल करना
धारा 445= गृहभेदंन
धारा 494= पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह
धारा 499= मानहानि
धारा 511= आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के
प्रयत्न के लिए दंड।
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सुंदर दिवसाच्या सुंदर शुभेच्छा

आनंद प्रत्येक क्षणाचा तुमच्या वाटेला यावा
फुलासारखा सुगंध नेहमी तुमच्या जीवनात दरवळावा
सुख तुम्हाला मिळावे दु:ख तूमच्यापासून कोसभर दूर जावे
हास्याचा गुलकंद तूमच्या जीवनात रहावा आणि प्रत्येक क्षण तूमच्यासाठी आनंदाचाच यावा...
      🌹🌹शुभप्रभात🌹 🌹
  🍁सुंदर दिवसाच्या सुंदर शुभेच्छा🍁
       🌺🌾🍁🌹🍁🌾🌺

नक्की वाचा फक्त १ मिनिट लागेल..plzz🙏🏼

बाजारातुन परत घरी येताना काही खाण्याच मन झाल..
म्हणुन ती मुलगी पाणीपुरीच्या ठेल्यावर थांबली..
एकटी मुलगी पाहुन शेजारीच असलेल्या पान टपरीवरची काही मुले ही त्या ठेल्यापाशी आली..
.
त्यांनी त्या मुलीला छेडायला चालु केल..
अश्लिल गाणी आणी संवाद चालु केला..
घाणेरडी नजर त्या मुलीच्या देहावरुन फिरत होती..
बिचारी आगोदर पैसे दिल्याने तिला तेथुन जाता ही येत नव्हते..
आपली ओढणी संभाळत..
"भैया जल्दी दो"..
या पलिकडे ती काहीच बोलत नव्हती..
घाबरलेली तिची नजर फक्त खाली पाहत होती..
.
तेवढ्यात तिथे एक तरुण युवक आपल्या बाईक वरुन येऊन तेथे थांबला..
.
आधिच मनात कल्लोळ चालु असताना त्यात आजुन एक ती पुर्ण भेदरुन गेली..
.
तेवढ्यात तो युवक बोलला..
" आरे अंजली तु इथे कुठे" भावाला एकट्याला सोडुन पाणी पुरी खातीयेस काय?"
.
संकटाची संभावणा पाहुन तिथली बाकीचे मुले चालते झाले..
आपल्यावरच संकट टळलेल पाहुन मुलीन मोकळा श्वास घेतला..
.
न राहुन तिने त्या युवकाला विचारल..
"माफ करा माझ नाव अंजली नाही पुर्वा आहे"
.
तो युवक हसत बोलला "काय फरक पडतो.. तु आहेस तर कुणाची तरी बहिणच ना"?
.
आणी तो युवक आपल्या डोक्यावर हेल्मेट चढवुन तेथुन निघुन गेला..
.
त्या पाठमोर्या जाणार्या युवकाकडे पाहुन त्या मुलिची मान आभिमानाने उंचावली...
.
कारण त्याच्या टी शर्टावर लिहिले होते..........
💐💐आम्ही भिमाचे भक्त 💐💐
.
रोज जोक शेअर करतात पण आज ही पोस्ट पण शेअर करा...

!! उलटा प्रवाह !!

लोक गोळा करता आले
पण लोकांना घडवता आले नाही
विहारात बोलावता आले
पण मंदिराच्या दारी अडवता आले नाही

विहारं बांधता आली
पण माणसं बांधता आली नाही
देणगी मागता आली
पण विचार मांगता आले नाही

त्रिशरण पंचशील पाठ झाली
पण आचरण पाठ झाली नाही
बाबासाहेबांशी गाठ झाली
पण पुस्तकांशी गाठ झाली नाही

बाबांना डोक्यावर घेऊन नाचले
पण डोक्यात मात्र घेता आले नाही
रचले बाबासाहेब हजारो पुस्तकात
पण वाक्यात एकाही घेता आले नाही

भिंतीवरच्या फोटोत लटकुन
आता भीम ही थकला असेल
म्हणे "जळमाटं लागण्या आधी उतरव,
नाहीतर मीच उद्या तुझ्या घरात नसेल"
म्हणे "जळमाटं लागण्या आधी उतरव,
नाहीतर मीच उद्या तुझ्या घरात नसेल"

🙏🏻🙏🏻 🙏🏻🙏🏻

प्रतित्यसमुत्पादाच्या बारा कड्यांचे विवरण  भाग - ६

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☀ ९) उपादान

प्रतित्यसमुत्पादाची नववी कडी म्हणजे उपादान. तृष्णेमुळे उपादान उत्पन्न होते. उपादान म्हणजे घट्ट पकडून ठेवणे. जरी एखाद्या घट्ट पकडून ठेवलेल्या गोष्टीपासून त्रास, कष्ट, दु:ख होत असले तरी ती गोष्ट न सोडणे.

तृष्णेचा हळूहळू आपल्या मनात संचय वाढत जातो. त्यामुळे त्याची मनावर घट्ट पकड बसते. तृष्णेच्या याच संचयाला उपादान म्हणतात.

तृष्णेच्या संग्रहाने अर्थात उपादानाने प्रभावित होऊन मनुष्य पुढिल कर्म करीत असतो. उपादान चार प्रकाराचे आहेत.

🔹पहिले कामउपादान म्हणजे सर्व प्रकारच्या आनंद देणार्या, सुख देणार्या, आवडणाऱ्या आणि लैंगिक समाधान देणार्या गोष्टीसंबंधी अत्यंत पराकोटीचे आकर्षण असणारी विचारसरणी.

🔹दुसरे दृष्टीउपादन म्हणजे असा विश्वास की, ‘हे एकच बरोबर आहे व बाकीचे चुकीचे आहे’ असा एकांगीपणाची विचारसरणी.

🔹तिसरे उपादान म्हणजे कर्मकांडाने मनुष्य पवित्र होतो, त्याच्यावर कोणतेही संकट येणार नाहीत किंवा आलेल्या संकटाचे निवारण होईल, त्याला भौतिक लाभ होईल, त्याला सुख मिळेल अशा प्रकारची विचारसरणी.

🔹चवथे सत्कायदृष्टी उपादान म्हणजे ‘मी’, ‘माझे’, ‘माझा आत्मा’ अशी आत्मभावाचे दृष्टी व नेहमी बदलत असणऱ्या जगाला न बदलणारे आहे, आत्मा कायम टिकणारा आहे अशी धारणा बाळगणारी विचारसरणी.

🔅तृष्णेचा निरोध केला असता उपादानाचा निरोध होतो.

क्रमश:

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     🔸बुध्द धम्म अनुसरण संघ ®🔸vijay sonkamble
          86 52 33 00 11
          MUMBAI
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