Friday, 27 May 2016

संघटना हजार झाल्या। नेते हजार झाले।

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संघटना हजार झाल्या।
नेते हजार झाले।

कोना म्हणावे आपुले।
चेहरे हजार झाले।

तु पाहिलेली स्वप्न पूर्ण झालित का रे।

भीमा तुझ्या मतांची माणसे मेलित कारे।।

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|| वामन दादा कर्डक।।

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