Thursday, 2 June 2016

स्वस्तिक यह चिन्ह मूलत: बौद्ध धम्म का है और उसे ब्राम्हणो ने चुराया है




स्वस्तिक यह चिन्ह मूलत: बौद्ध धम्म का है और उसे ब्राम्हणो ने चुराया है | सारनाथ के प्राचीन स्तुप पर भी यह चिन्ह है | पाकिस्तान में तथागत बुद्ध के पैरो के निशान है और साथ ही स्वस्तिक का चिन्ह भी है | ब्राम्हणो ने बौद्ध धम्म से क्या क्या चुराया है? इसका प्रमाण गीता जैसा ग्रंथ है | डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर कहते थे की, भारत का इतिहास यह और कुछ नहीं बल्कि बौद्ध धम्म बनाम ब्राम्हणी धर्म के संघर्ष का इतिहास है | ब्राम्हणो ने प्रतिक्रांति करने के बाद बौद्ध भिक्खुवों का भगवा रंग चुराया | बौध्द विहारों को मंदिर का रुप दिया | बौध्द प्रतिक / त्योहारों को अपना प्रतिक / त्योहार बनाया | बुध्दा को विष्णु का अवतार घोषित किया | अर्थात प्रतिक्रांती के बाद ब्राह्मणोंने सांस्कृतिक लढाई पर ज्यादा जोर दिया था | ब्राह्मणोंने बौध्द विचारों मे कैसी मिलावट की है ईस पर मै जल्दी ही एक किताब लिखणेवाला हुँ.
- मा. प्रा. विलास खरात.
(राष्ट्रिय प्रभारी - भारतीय विद्यार्थी मोर्चा)
जय मूलनिवासी..



6 comments:

  1. Use of swastika can be traced in various civilization like indus valley,ancient Greece,ucrane etc.swastika is a Sanskrit word means we'll being,good luck etc.budhist also adopted this sign and they are not separate,they are also part of the Hindus.do you know who is the first follower of bush ,they are 5 brahmins.so you can't mix the toxins in the blood of Indians.you can write your dirty book but it will be your cry in single room.so write something for everyone like Buddha.

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    1. Well not we'll and Buddha not bush

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    2. Well not we'll and Buddha not bush

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