Wednesday, 8 June 2016

अंबेडकर को लेकर संघ विचारक का विवादित बयान, भाजपा में मचा हड़कंप

Ambedkar's role in framing Constitution is a myth, says IGNCA chief Ram Bahadur Rai

अंबेडकरPC: pti

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भारत रत्न बाबा साहब अंबेडकर पर संघ विचारक राम बहादुर राय के विवादित बयान से सियासत गरमा गई है। खुद भाजपा ने राय के बयान की निंदा की है। बताया जा रहा है कि पार्टी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने राय से बात भी की है। उन्हें बयान पर सफाई देने को कहा गया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष बने संघ विचारक एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व महासचिव राम बहादुर राय ने एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में संविधान निर्माण में अंबेडकर के योगदान को मिथ्य करार दिया है। उन्होंने कहा है कि संविधान निर्माण में अंबेडकर की भूमिका सीमित थी। बल्कि उन्होंने केवल अच्छे शब्दों का इस्तेमाल किया। राय का कहना है कि संविधान निर्माण के वक्त बीएन राव ने जो भी कुछ मैटेरियल बाबा साहब को उपलब्ध करवाया उन्होंने उसकी भाषा सुधारी।

अंबेडकर ने खुद संविधान नहीं लिखा है। राय के इस बयान के बाद भाजपा में बेचैनी बढ़ गई है। सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समरसता भोज के जरिए यूपी चुनाव के मद्देनजर गरीब एवं पिछड़े तबके को साधने में जुटे हैं, ऐसे में संघ विचारक राय का बयान खतरनाक साबित हो सकता है। शायद यही वजह है कि भाजपा आलाकमान ने राय के बयान की निंदा करने में देर नहीं लगाई।

राय ने ऐसा कहा है तो अंबेडकर पर उनमें ज्ञान की कमी

अंबेडकर के योगदान को मिथ्य करार दियाPC: Agency

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुष्यंत गौतम ने कहा कि यदि राय ने ऐसा कहा है तो अंबेडकर पर उनमें ज्ञान की कमी है। यह उनकी संकुचित मानसिकता हो सकती है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के योगदान को संविधान निर्माण तक ही नहीं सीमित रखा जा सकता है।

बल्कि वह वर्तमान आधुनिक भारत के आर्किटेक्ट हैं। संविधान निर्माण के अलावा शिक्षा, जल संसाधन, कृषि समेत तमाम विषयों पर बाबा साहब की सोच में दूरदर्शी थी। पार्टी रणनीतिकारों को लगता है कि राय का बयान कहीं बिहार चुनाव सरीखा गुल न खिला दे।

बिहार चुनाव से ऐन पहले संघ प्रमुख मोहन राव भागवत ने आरक्षण पर विवादित बयान दिया था, जिसे भाजपा की बुरी हार का एक बड़ा कारण माना जाता है। वैसे अंबेडकर पर ऐसा ही विवादित बयान भगवा विचारकों की ओर से पहले भी आ चुका है। नब्बे के दशक के मध्य में अरुण शौरी ने अपनी पुस्तक झूठे भगवानों की पूजा (वरसिपनेश ऑफ फाल्स गॉड) में अंबेडकर के बारे में भला-बुरा लिखा था। शौरी ने लिखा था कि स्वतंत्रता संग्राम में अंबेडकर का कोई रोल नहीं था। अब राय ने विवादित बयान देकर विवाद को दोबारा से गरमा दिया है।


सैजान्य : http://www.amarujala.com/india-news/ambedkar-s-role-in-framing-constitution-is-a-myth-says-ignca-chief-ram-bahadur-rai?pageId=1

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