सिद्धार्थ बुद्ध विहार, गुलबर्गा शहर कर्नाटक
गुलबर्गा कर्नाटक में एक बहुत बड़ा बुद्ध विहार बनाया गया है,यह गुलबर्गा से छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और गुलबर्गा विश्वविद्यालय परिसर के पास है आज यह दक्षिण भारत के बड़े विहारों में से एक है और करीब18 एकड़ में फैला है ,इसे देख कर आप को ताज महल की याद आ जाएगी बस ताज महल और इस में फर्क यह है ताज महल पूरी तरह संगमरमर से बना है और यह विहार आरसीसी संरचना है जिसे इतालवी सफेद संगमरमर से पूरी तरह ढक दिया गया है इस विहार में सांची, सारनाथ , अजंता और नागपुर के बौद्ध केंद्रों की स्थापत्य का सुन्दर मिश्रण किया गया है। मूल रूप से एक छोटे से विहार का निर्माण 2002 में शुरू हुआ था लेकीन ट्रस्ट ने अपना मन बदला और एक बड़ा बौद्ध विहार बनाने का निर्णय लिया जो दक्षिण भारत में सबसे सर्वश्रेस्ट हो
गुलबर्गा विहार कुल 70 एकड़ भूमि पर फैला है और इस का मुख्य ढाचा 18 एकड़ में फैला है और इस के तहखाने में एक ध्यान केंद्र है और पहली मंजिल पर भगवान बुद्ध का चैत्य है इस के गुंबद ऊंचाई में 70 फुट और व्यास में 59 फीट है। इसके अलावा, यह मुख्य भवन के कोनों में 48 फुट लंबा चार अशोक स्तंभों है। इस के अन्य आकर्षण में एक 2,500 सीटों की क्षमता के साथ 100 × 100 फुट खुली हवा में एक थिएटर हैं और विहार के चारो तरफ चार बड़े साँची द्वार बनाये गए है जीने संगमरमर से ढका गया है ,इस के अलावा इस में 11 मुर्तिया है जो सीमेंट से बानी है और जिन का नेतृत्व बाबा साहेब की काँसे से बानी प्रतिमा कर रही है जो 1956 की धम्म क्रांति यात्रा को दर्शाता है इस की अन्य विशेषता है अग्रेजी के शब्द यू के आकार का धम्म काम्प्लेक्स जिस में एक छात्रावास, आवास एक पुस्तकालय, अध्ययन केंद्र, रसोई, डाइनिंग हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल, प्रदर्शनी हॉल और अतिथि कमरे आदि है ,इस के अलावा इस के ध्यान केंद्र में हमेशा बुद्धं शरणं गच्छामि बजता रहता हैं और ध्यान केंद्र में एक 6.5 फुट लंबे काले ग्रेनाइट बुद्ध मूर्ति है प्रसिद्ध मूर्तिकार अशोक गुडिगार द्वारा बनाया गया है ,इस विहार का प्राथना घर 15,625 वर्ग फुट में फैला है और करीब 1500लोगो की बैठने की छमता रखता है और इस के अंदर अजंता, एलोरा, नागपुर, बोधगया, सारनाथ , राजगीर, लुम्बिनी, कुशीनारा , थाईलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, तिब्बत, जापान और रोम आदि जगह की नक्कासी की गयी है परिसर में मुख्य आकर्षण में बुद्ध की 8.5 फुट लम्बी सोने से ढकी प्रतिमा है
इस विहार के प्रमुख ट्रस्टी कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे है
बुद्ध विहार को 1994 में स्थापित सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के तत्वावधान में निर्माण किया गया है।इस विहार को बनाने में सीमेंट के लगभग 1,500 टन, स्टील के 250 टन, 5 लाख ईंटों और रेत के 200 घन मीटर का इस्तेमाल हुआ है, इस विहार के निर्माण में कांग्रेस के नेता और इस समय विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे और अन्य समाज सेवी लोगो का योगदान है ,और इस समय यह भारत के सबसे बड़े विहारों में एक है। ऐसा कहा गया है की सन 2009 में कुल 8 करोड़ रुपये की लागत से सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट ने इस विहार को बनवाया है...!!
🙏🙏रमाई🙏🙏💐💐


इस विहार के प्रमुख ट्रस्टी कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे है


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